अन्नदाता के लिए पैदा हुआ संकट, मौसम की मार से गेहूं बीज हुआ बांझ
फसल के लिए अपना ही बीज प्रयोग करने वाले सैकड़ों किसानों के सामने संकट पैदा हो गया है।
आगरा, अम्बुज उपाध्याय। मौसम की मार ने किसानों में हाहाकार मचा दी है। बारिश में गेहूं भीगने के साथ ही किसानों के भविष्य के सपने सील गए हैं। भीगा गेहूं संक्रमित हो गया है और उसकी अंकुरण क्षमता प्रभावित हो गई है। ऐसे में फसल के लिए अपना ही बीज प्रयोग करने वाले सैकड़ों किसानों के सामने संकट पैदा हो गया है।
खेतों में तैयार खड़ी और कटी हुई फसल को तेज बारिश ने भिगो दिया था। खड़ी फसल तेज हवा से बिछ गई थी, जिसकी कटाई में समय लगा था। कटी रखी फसल को सुखाने में एक सप्ताह लगा था, लेकिन उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो गई। भीगे गेहूं में 30 फीसद बीज है, जिससे आगामी फसल के लिए भी संकट पैदा हो गया है। 50 फीसद से ज्यादा किसान स्वयं उत्पादित बीज ही प्रयोग में लाते हैं, जो अब अंकुरण की स्थिति में नही है। अगर किसानों का बीज बांझ हो गया तो उत्पादन का बड़ा संकट पैदा होगा। किसानों को बाजार से बीज खरीदने को मजबूर होना होगा।
क्या कहते हैं किसान
दो हेक्टेयर में गेहूं की फसल करते हैं। बीज का उत्पादन भी किया था, लेकिन उसकी गुणवत्ता, चमक सभी प्रभावित हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी क्षमता अब इतनी नहीं बची कि उत्पादन कर सके।
डॉ. हर्षवर्धन, किसान बरारा
पिछली साल बीज लाया था। इस बार चार बीघा में गेहूं और दो बीघा में बीज उत्पादन किया था। पूरी फसल कटाई की ही थी कि बारिश ने सराबोर कर दिया। चमक चली गई है। कुछ दाना काला भी पड़ा है। वैज्ञानिक बता रहे हैं कि ये अगली बार उत्पादन के काम नहीं आ सकेगा। भंडारित दाना संक्रमित हो सकता है।
राजीव कुमार, किसान, बिचपुरी
70 फीसद किसान अपना बीज तैयार करता है, जबकि 30 फीसद खरीद कर लाता है। इस बार बारिश ने बीज को काफी हद तक बर्बाद किया है। उत्पादन के लिए बाजार से बीज खरीदना होगा।
श्याम सिंह चाहर, किसान नेता
विशेषज्ञ की राय
बारिश के कारण गेहूं को काफी नुकसान हुआ है। इससे उसकी चमक चली गई और उत्पादन क्षमता पर असर पड़ा है। गेहूं लंबे समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता, जबकि बीज की अंकुरण क्षमता काफी घट गई है। बीज का भ्रूण प्रभावित हुआ है और ये इस योग्य नहीं रहा है कि वह अगली बेहतर फसल दे सके।
डॉ.आरएस चौहान, समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र
एक हेक्टेयर में चाहिए 120 किलोग्राम बीज
एक हेक्टेयर में 120 किलोग्राम गेहूं बीज की आवश्यकता होती है। सीड ड्रिल के माध्यम से बीज को बोया जाता है।
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