हम इलाज करते हैं, कारोबार नहीं
सीईए के विरोध में आइएमए ने बनाई पांच सदस्यीय एक्शन कमेटीडाक्टरों ने कहा-अस्पताल बंद कर देंगे पर सीईए लागू नहीं होने देंगे
आगरा, जागरण संवाददाता। हम इलाज करते हैं, कारोबार नहीं। द क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 (सीईए) निजी चिकित्सकों को कारोबारी बना देगा। इलाज का खर्चा कई गुना बढ़ जाएगा। मरीजों के हित में सीईए को लागू नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो हड़ताल करेंगे, अस्पताल बंद कर देंगे। सोमवार को आइएमए भवन तोता का ताल पर आयोजित बैठक में डाक्टरों ने सीईए के विरोध में इन नारों के साथ एक्शन कमेटी गठित की।
आइएमए की स्थानीय शाखा के अध्यक्ष डा. राजीव उपाध्याय ने बताया कि सीईए के विरोध के लिए पांच सदस्यीय एक्शन कमेटी गठित की गई है। एक्शन कमेटी के सदस्य आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डा. जेएन टंडन ने कहा कि, राज्य सरकार चाहे तो भी सीईए लागू नहीं हो सकता है। आइएमए, यूपी के पूर्व अध्यक्ष डा. सुधीर धाकरे ने कहा कि सीईए लागू होने से भ्रष्टाचार बढ़ जाएगा। सेल्सा के अध्यक्ष निर्वाचित डा. सुनील शर्मा ने कहा कि सीईए को लागू कराकर हम अपनी आत्मा को मरने नहीं देंगे। बैठक में डा. मुनीश्वर गुप्ता, डा. सुनील बंसल, डा.जितेंद्र, डा.वनज माथुर,डा. संजय चतुर्वेदी,डा. प्रदीप सिंह, डा. संजीव बोराडा. पवन गुप्ता ,डा. समीर कुमार आदि उपस्थित थे। एक्शन कमेटी के सदस्य-
डा. जेएन टंडन
डा. सुधीर धाकरे
डा. ओपी यादव
डा. संजय कुलश्रेष्ठ
डा. अनूप दीक्षित क्या है सीईए?
प्राइवेट हास्पीटल और निजी क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन द क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन एंड रेग्यूलेशन एक्ट 2010 (सीईए) के तहत होगा। एक जनवरी 2022 से नए एक्ट के मानकों के अनुसार ही रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके साथ पहले से रजिस्टर्ड अस्पतालों और क्लीनिक का पंजीकरण 31 मार्च 2022 तक होगा। एक जनवरी 2022 से नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण और विनियमन) अधिनियम से पंजीकरण होगा। रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण के अध्यक्ष डीएम और संयोजक सीएमओ होंगे। पंजीकरण के लिए पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम भौतिक सत्यापन के लिए जाएगी। टीम को मानक सही मिलने पर ही पंजीकरण किया जाएगा। 30 बेड तक की क्षमता के अस्पताल का पूर्व की तरह से ही पंजीकरण होगा। इससे अधिक क्षमता के अस्पतालों में पंजीकरण के लिए मानक पूरे करने होंगे।