Water Supply Crisis: लीकेज ने बिगाड़ी जलापूर्ति, 31 हजार घरों के लोग तरसे
Water Supply Crisis ढाई दर्जन स्थलों पर हुए लीकेज जल संस्थान दर्जनभर को ही ठीक कर सका। शिकायतों के बाद कई क्षेत्रों में भेजे गए पानी के टैंकर।
आगरा, जागरण संवाददाता। जल संस्थान की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। लीकेज चलते सोमवार को 31 हजार घरों के लोगों को पानी नहीं मिला। कुछ क्षेत्रों में टैंकरों से जलापूर्ति की गई। वहीं 1500 घरों में गंदे पानी की आपूर्ति हुई। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जीवनी मंडी वाटरवक्र्स से 130 और सिकंदरा के दोनों प्लांट से 201 एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई। पानी के प्रेशर से ढाई दर्जन स्थलों पर लीकेज हुए। जल संस्थान की टीम ने दर्जनभर लीकेज की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया।
इन क्षेत्रों में नहीं ठीक किए गए लीकेज
सप्ताह भर पूर्व लोहामंडी रोड, मदिया कटरा रोड, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान रोड, आवास विकास सेक्टर एक, चार, नौ और 16, बल्केश्वर रोड, सिकंदरा-बोदला रोड, जीवनी मंडी रोड, शाहगंज रोड में लीकेज सप्ताह भर पूर्व हुए थे। जल संस्थान की टीम ने अभी तक इन लीकेज की मरम्मत पूरी नहीं की है।
इन क्षेत्रों में नहीं आया पानी : आवास विकास सेक्टर दो, दस, 15, कछपुरा, पटेल नगर, मनोहरपुर, अमिता विहार, ब्रजधाम, कमला नगर ई ब्लॉक के कुछ हिस्से में, गोबर चौकी, सिकंदरा क्षेत्र के कुछ हिस्से में, यमुना ब्रिज, नुनिहाई, कालिंदी विहार।
आंदोलन की तैयारी में लोग
गोकुलपुरा, अहीरपाड़ा, आजमपाड़ा क्षेत्र में ठीक से जलापूर्ति नहीं हो रही है। सोमवार को क्षेत्रीय लोगों ने बैठक की। पार्षद राहुल चौधरी का कहना है कि आजमपाड़ा क्षेत्र में पानी नहीं आ रहा है। जल संस्थान के अफसरों से शिकायत की जा चुकी है लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। पार्षद राजेश प्रजापति का कहना है कि क्षेत्रीय लोगों की बैठक हुई है। आंदोलन की तैयारी की जा रही है।
पानी के लिए लगानी पड़ती है लाइन
यमुनपार के नगला किशन लाल के लोग पानी की समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं। पाइप लाइन चोक होने के कारण पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही। ऐसे में क्षेत्र के लोग हैंडपंप और पानी के टैंकरों के भरोसे ही हैं। कई हैंडपंपों का पानी खारा होने के कारण लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है। स्थिति यह है कि एक-एक बाल्टी पानी के लिए लंबी-लंबी लाइन में लगना पड़ता है।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। कुछ लोगों ने अपने यहां सबमर्सिबल लगा रहे हैं तो कुछ लोगों ने निजी हैंडपंप। अधिकांश लोग सरकारी हैंडपंप और टैंकरों के भरोसे ही हैं। लोगों का कहना है कि प्राइवेट टैंकर चालकों की कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत है। इसी के चलते सरकारी पानी के टैंकर उनके क्षेत्र में नहीं आते। निजी टैंकरों से ही उन्हें पानी खरीदना पड़ता है। पानी की पाइप लाइन को ठीक कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट-काट कर परेशान हो गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सुबह और शाम को हैंडपंपों पर काफी भीड़ लगती है। ऐसे में लोगों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ जाता है। नगला किशन लाल के लोगों की ही नहीं, यमुनापार के अधिकांश क्षेत्रों में यही हाल है। गर्मियों में यहां हालात और भी भीषण हो जाते हैं।