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ऐसे ही रहे हालात तो गंगा में बढ़ जाएगा लो फ्लड का खतरा, जानिए कहां तक पहुंंचा जलस्‍तर Agra News

कासगंज के कछला घाट में जलस्तर बढ़कर पहुंचा 163.55। बढ़ते हुए जल स्तर से किसान भी परेशान।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 05:49 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 05:49 PM (IST)
ऐसे ही रहे हालात तो गंगा में बढ़ जाएगा लो फ्लड का खतरा, जानिए कहां तक पहुंंचा जलस्‍तर Agra News

आगरा, जेएनएन। बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से गंगा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। पटियाली क्षेत्र में फसलों तक गंगा का पानी पहुंच गया है। बांधों से छोड़े गए पानी से गंगा का जल स्तर बढ़कर जलस्तर 163.55 मीटर तक जा पहुंचा है। इसके अभी और बढऩे की संभावना है।

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पहाड़ी इलाकों में हो रही निरंतर बारिश से बैराजों पर बढ़ रहे पानी के दबाव को कम करने के लिए गंगा नदी में पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है। गंगा नदी में छोड़े जा रहे इस पानी से गंगा में बाढ़ के हालात बन रहे हैं। रविवार को गंगा नदी में सामान्य फ्लड के हालात बन गए। जबकि गंगा का पानी तीन दिन पूर्व ही पटियाली क्षेत्र में तटवर्ती ग्रामों की फसली भूमि तक जा पहुंचा है। गंगा में बढ़ता पानी अब और आगे बढऩे के लिए बेताब नजर आ रहा है। तटवर्ती ग्रामों के ग्रामीणों की माथे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं। उन्हें यह डर सताने लगा है यदि बाढ़ आई तो बड़ा नुकसान हो सकता है। गंगा में बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग पूरी तरह सतर्कता बनाए हुए है। बाढ़ चौकियों को सचेत रहने के निर्देश डीएम ने दिए हैं। सिंचाई विभाग रेलवे और जिला प्रशासन को गंगा की स्थिति से निरंतर अवगत करा रहा है।

एक्सईएन ने किया कादरगंज घाट का निरीक्षण 

रविवार शाम जल स्तर बढऩे पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरूण कुमार ने टीम के साथ पटियाली क्षेत्र स्थित कादरगंज घाट का निरीक्षण किया। यहां पर गंगा के पानी की स्थिति को देखा। तटवर्ती गांवों में जाकर वहां स्थिति देखी। एक्सईए ने बताया कि गंगा में लो फ्लड के हालात हैं, लेकिन कोई बड़ा संकट नहीं है।

यह रहा पानी का डिस्चार्ज

-हरिद्वाज बैराज से 94161 क्यूसेक 

-बिजनौर बैराज से 86681 क्यूसेक

-नरौरा बैराज से 112285 क्यूसेक

प्रशासन की तैयारी पूर्ण

गंगा के जल स्तर पर पूरी नजर रखी जा रही है। अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है। प्रशासन की तैयारियां पूर्ण हैं।

- चंद्र प्रकाश सिंह

जिलाधिकारी, कासगंज

गंगा में आया उफान तो बढ़ेगा चारे का संकट 

गंगा में जब भी बाढ़ की स्थिति बनती है और पानी तटवर्ती ग्रामों की फसली भूमि में जा घुसता है तब यहां पशुओं के लिए हरे चारे की दिक्कत हो जाती है। केवल भूसे पर ही पशुपालकों को निर्भर रहना पड़ता है। इससे हरे चारे की कीमतें भी बढ़ जाती हैं। इन दिनों गंगा नदी पर बैराजों के पानी से गंगा नदी पर दबाव बना हुआ है। पटियाली क्षेत्र में कई तटवर्ती ग्रामों में गंगा का पानी फसली भूमि तक जा पहुंचा है। भले ही अभी स्थिति सामान्य फ्लड की है, लेकिन बैराजों से पानी छोड़े जाने की गति यही रही तो गंगा पर पानी का दबाव और बढ़ेगा। गंगा का यह पानी और आगे बढ़ेगा। ऐसे में फसली भूमि जलमग्न हो जाएंगी और खेतों में पानी भर जाने से हरे चारे की दिक्कत होगी। पशु पालकों को केवल भूसे पर ही निर्भर रहना होगा। बीते वर्षो में जब भी बाढ़ आई है और स्थिति भयाभय हुई तो पशुपालकों को हरे चारे की दिक्कत का सामना करना पड़ा है। वर्ष 2010 में तो रिकैरा, भुसावली सहित कई दर्जनों ग्रामों के हालात बद से बदतर हो गए थे। उस समय हरे चारे के साथ साथ भूसे के भी लाले पड़ गए थे। भूसे की बुर्जियां बाढ़ के पानी में समा गई थींं और पशुपालका पशुओं के चारे के लिए परेशान हो गए थे।


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