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खारे पानी से हारीं, यहां की पनिहारी, हर दिन लड़नी पड़ती है दो बूंद को जंग Agra News

मथुरा जिले की सीमा लांघ ला रहीं पीने का पानी। सांसद के गोद लिए गांव में पानी का संकट।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 11:25 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 11:25 AM (IST)
खारे पानी से हारीं, यहां की पनिहारी, हर दिन लड़नी पड़ती है दो बूंद को जंग Agra News
खारे पानी से हारीं, यहां की पनिहारी, हर दिन लड़नी पड़ती है दो बूंद को जंग Agra News

आगरा, अभय गुप्ता। मथुरा के नौहझील विकास खंड के गांव मानागढ़ी में पेयजल का संकट है। ग्रामीण दूसरे जिले की सीमा से पानी भरकर लाने के लिए मजबूर हैं। यहां का भूमिगत पानी खारी है। गांव मानागढ़ी मथुरा सीमा का अंतिम गांव हैं, जो अलीगढ़ सीमा से सटा हुआ है। खारी पानी होने से यहां के ग्रामीण पेयजल संकट का सामाना कर रहे हैं। बैलगाड़ी, भैंसा गाड़ी और ट्रैक्टर ट्राली लेकर सुबह शाम ग्रामीण पानी भरने के लिए ड्रम लाद कर ले जाते हैं।

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मानागढ़ी से करीब दो किलोमीटर दूर अलीगढ़ जिले के गांव जैदपुर और घांघोली से पीने के लिए पानी ला रहे हैं। करीब चार दशक पहले यहां मीठा पानी था। यमुना किनारे बसे इस गांव के जल स्रोत बदल गए और पानी खारी हो गया है। जो अब पीने के योग्य नहीं रहा है। भूजल लगातार नीचे खिसक रहा है। यहां तक कि गांव के तालाब भी सूख गए हैं। जल निगम ने पेयजल सप्लाई के लिए वर्ष 1982-83 ओवर हैड टैंक का निर्माण कराया था, जो कुछ दिन बाद ही जल निगम की यह योजना विफल हो गई। एक दशक पहले स्वजलधारा योजना में दूसरी टंकी का निर्माण कराया गया, लेकिन उससे आधी आबादी को पानी मिल पा रहा है। इसकी बोङ्क्षरग भी अब खारी पानी उगल रही है।

सांसद निधि से बनेगी टंकी

सांसद हेमामालिनी ने अपने पिछले कार्यकाल में इस गांव को गोद लिया था। अपनी निधि से टंकी के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये भी आवंटित कर दिए, मगर अभी गांव में मीठे पानी के स्रोत नहीं मिले हैं। इसलिए निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो सका है।

- सुभाष नौहवार, सामाजिक कार्यकर्ता।

पहले मीठा था पानी

गांव में करीब चार दशक पहले मीठा पानी था, लेकिन स्रोत खारे पानी में बदल गए। गांव में भूजल खारा हो चुका है। अब ग्रामीणों के साथ साथ पशुओं के लिए भी पीने के लिए पानी नहीं है।

- चेतराम महाशय, ग्रामीण।

सुबह उठते ही पहले लाते हैं पानी

गर्मी में पानी की अधिक जरुरत पड़ती है। इसलिए सुबह जागते ही ग्रामीण पहला काम पानी लेने के लिए अलीगढ़ की तरफ निकल पड़ते हैं।

- रविकरन सिंह, ग्रामीण।

करीब पांच साल पहले जब वह ससुराल आई तो उनको पता चला कि यहां पानी का बड़ा संकट है। घरेलू कार्य करने से पहले उनको पानी का इंतजाम करना पड़ता है। इसके लिए वह रोजाना बुग्गी लेकर जाती हैं।

- प्राची चौधरी, गृहणी।

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