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लापरवाह अफसरों की आंखे बंद, सवा लाख आबादी का सूखा कंठ Agra News

अफसरों की लापरवाही के चलते सडकों पर बह रहा 80 लाख लीटर पानी। 30 हजार परिवारों को प्रदूषित पानी की आपूर्ति से नहीं मिल रही निजात।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 02:04 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 02:04 PM (IST)
लापरवाह अफसरों की आंखे बंद, सवा लाख आबादी का सूखा कंठ Agra News
लापरवाह अफसरों की आंखे बंद, सवा लाख आबादी का सूखा कंठ Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। सौ से अधिक कॉलोनियों में रहने वाली सवा लाख की आबादी ठंड में भी जलसंकट से जूझ रही है। पीने के पानी के लिए इन क्षेत्रवासियों को मीलों भटकना पड़ रहा है। 25 से अधिक ऐसी कॉलोनियां है, जहां खोदाई के वक्त सावधानी नहीं बरती गई और पाइप लाइन फट गई। लीकेज से हजारों गैलन पानी सड़क पर बह रहा है। 30 हजार परिवारों को प्रदूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। इसके बाद भी संबंधित विभागीय अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं हैं।

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यहां हो रहा लीकेज

- आस्था सिटी के पीछे सबसे बड़ा लीकेज है। यह तीस इंच की राइजिंग लाइन में है। चौबीस घंटे में 40 लाख लीटर पानी की बर्बाद हो रही है।

- लोहामंडी चौराहा से दो सौ मीटर की दूरी पर लीकेज है। रोड के एक तरफ लीकेज होने से हर दिन तीन लाख लीटर पानी बर्बाद होता है।

- बोदला अस्पताल के ठीक सामने से होकर पाइप लाइन गुजरी है। हर दिन तीन से पांच लाख लीटर पानी बह रहा है।

-राजा की मंडी बाजार में पाइप लाइन में लीकेज होने से हर दिन एक लाख लीटर पानी बर्बाद होता है।

-अर्जुन नगर क्षेत्र में तीन लीकेज हैं। हर दिन एक से डेढ़ लाख लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।

- काला महल, पीपलमंडी, बालूगंज व उसके आसपास के क्षेत्रों में हर दिन 10 लाख लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।

- नगला बूढ़ी, बल्केश्वर, कमलानगर, ताजगंज, मंटोला, आवास विकास, ट्रांस यमुना क्षेत्र में लीकेज है। छह से सात लाख लीटर पानी नालियों में बह जाता है।

इन क्षेत्रों में नहीं हुई जलापूर्ति

आवास विकास सेक्टर एक व तीन, राजा की मंडी, गोकुलपुरा, प्रजापति मोहल्ला अशोक नगर, पचकुइयां का कुछ हिस्सा, लोहामंडी चौराहे से बोदला रोड के आसपास, बोदला रोड व शाहगंज के कुछ हिस्से में, न्यू आजमपाड़ा, शास्त्रीपुरम ए ब्लॉक, दयालबाग, यमुना ब्रिज, ताजगंज व उसके आसपास।

यहां आया प्रदूषित पानी

बल्केश्वर, कमलानगर ई व डी ब्लॉक, नगला बूढ़ी रोड, छीपीटोला, कैलाशपुरी रोड के आसपास, शाहदरा, पीपल मंडी, काला महल, जीवनी मंडी रोड, साईं की तकिया, सदर भ_ी रोड।

यहां प्रेशर रहा कम

मंटोला, संजय प्लेस, खंदारी, लायर्स कॉलोनी, कमलानगर ए और डी ब्लॉक, बालूगंज, जीवनी मंडी रोड।

पानी की गुणवत्ता में नहीं आ रहा सुधार

यमुना नदी का जलस्तर 481.2 फीट पर टिका हुआ है। वहीं पानी की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं आ रहा है। जीवनी मंडी वाटरवक्र्स से 120 (कुल क्षमता 225) एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई। यमुना नदी में जलस्तर कम होने के चलते दो पंप हांफ गए। वाटरवक्र्स को नदी से पानी पहुंचने वाली नहर की खोदाई की गई। पानी की क्लीनिंग में 4500 किग्रा क्लोरीन और सौ कुंतल एलम का प्रयोग किया गया। इसके बाद भी कई क्षेत्रों में काले और पीले रंग के पानी की आपूर्ति हुई। सिकंदरा के दोनों वाटरवक्र्स से 288 के बदले 215 एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई। डेढ़ दर्जन क्षेत्रों में पानी का प्रेशर कमजोर रहा।

जीवनी मंडी वाटरवर्क्‍स

कुल क्षमता 225 एमएलडी

- वर्तमान में 225 के मुकाबले हर दिन 115 से 120 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो रही है।

- हर दिन चार सिलेंडर क्लोरीन लगती है। प्रति सिलेंडर की कीमत 13 हजार रुपये है।

- एक माह में पानी के शोधन पर 40 लाख रुपये खर्च होते हैं।

गंगाजल प्रोजेक्ट एक नजर में

- पालड़ा फाल बुलंदशहर से से कैलाश मंदिर तक 130 किमी लंबी पानी की लाइन बिछाई गई है।

- प्रोजेक्ट पर तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

- हर दिन आगरा को 345 एमएलडी गंगाजल देने का दावा पर अभी तक अमल नही।

जल्‍द होगी मरम्‍मत

जिन क्षेत्रों में शिकायतें मिली हैं। टीम भेज दी गई है। बाकी लीकेज की जल्द मरम्मत कराई जाएगी।

आरएस यादव, महाप्रबंधक जल संस्थान  


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