Move to Jagran APP

प्यास बुझाने में रोजाना छूटता है पसीना, मुश्किल हो रहा है जीना

यमुना पार में भारी पानी की किल्लत सुबह से लगने लगती है लाइन गरीबों की आधी कमाई हो जाती है पानी पर खर्च

By Edited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 08:00 AM (IST)
प्यास बुझाने में रोजाना छूटता है पसीना, मुश्किल हो रहा है जीना
प्यास बुझाने में रोजाना छूटता है पसीना, मुश्किल हो रहा है जीना
आगरा, जागरण संवाददाता। भीषण गर्मी में कभी काम के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं, तो कभी पानी के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है। यमुनापार क्षेत्र में रहने वाले हर शख्स की यही कहानी है। हर रोज ये पानी के लिए जंग लड़ते हैं और प्यास बुझाने को पसीना बहाते हैं। कालिंदी बिहार के ग्रीन पैलेस और सुमित नगर जैसी जगहों पर लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। यहां के निवासी सुबह से काम की तलाश में निकल जाते हैं और घर की महिलाएं पानी को तलाश में इधर उधर भटकती रहती हैं। बच्चे घर पर चौकीदारी करते हैं। सोमवार को दैनिक जागरण की टीम सुमित नगर और ग्रीन पैलेस पहुंची तो पता चला कि यहां पर अभी तक पानी की पाइप लाइन भी नहीं डाली गई है। ग्रीन पैलेस निवासी सुजीत ने बताया कि रोजाना टैंकरों से पानी की आपूर्ति करते हैं। यदि किसी कारणवश टैंकर नहीं आता है, तो दुकान से पानी की बोतल खरीदकर दिन गुजारते हैं। टैंकर पहुंचने का भी रास्ता नहीं यमुना पार की कई कॉलोनी ऐसी हैं, जिनमें टैंकर पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं है। इस कारण वह पांच से आठ सौ मीटर दूर से पानी लाते हैं। दस वर्ष से सुमित नगर में रहता हूं। हर रोज पानी के लिए दौड़ना पड़ता है। शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। श्रीकृष्ण त्यागी दिन में चार सौ रुपये कमाकर लाते हैं। उसमें से दो सौ रुपये का पानी खरीद लेते हैं। देवेंद्र फौजी चुनाव के दौरान नेताओं को पेयजल की समस्या बताई थी। सबने आश्वासन दिया है। काम कभी नहीं होता है। अनिता कई बार पानी न आने की शिकायत वाटर व‌र्क्स के अधिकारियों से की है, लेकिन अधिकारी पत्र लेकर रख लेते हैं। कार्रवाई कभी नहीं होती है। कमलेश ये हैं पानी के रेट -तीन रुपये में एक बाल्टी पानी। -चालीस रुपये में 200 लीटर पानी। -एक टैंकर 1500 रुपये में।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.