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कोचिंग संचालक भी शामिल था विनोद जाट के गैंग में

बर्खास्त सिपाही को शहर में देता था शरण कॉलेज प्रबंधक को दी धमकी पुलिस ने कोचिंग संचालक समेत सातों आरोपितों को भेजा जेल

By Edited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 07:00 AM (IST)
कोचिंग संचालक भी शामिल था विनोद जाट के गैंग में
कोचिंग संचालक भी शामिल था विनोद जाट के गैंग में
आगरा, जागरण संवाददाता। बर्खास्त सिपाही कुख्यात विनोद जाट के गैंग में न्यू आगरा का कोचिंग संचालक भी शामिल था। विनोद को शहर में वही शरण देता था। कॉलेज प्रबंधक को धमकी देने और गोली मारने की घटना में उसके साथ था। पुलिस ने मंगलवार गिरफ्तार सभी आरोपितों को जेल भेज दिया। दयालबाग के उमा विहार निवासी मुनीश गौतम के घर पर कुख्यात विनोद जाट और उसके साथियों ने हमला बोल दिया था। घर में घुसकर उस पर फाय¨रग करके जान से मारने की कोशिश की। मुनीश गौतम सादाबाद के बिसावर स्थित एसपी सिंह कृषि इंटर कॉलेज में प्रबंधक हैं। कुख्यात उन पर प्रबंधक पद छोड़ने का दबाव बना रहा था। पुलिस द्वारा कुख्यात साथ गिरफ्तार विष्णु कुमार कोचिंग संचालक है। हरीपर्वत के नेहरू नगर निवासी विष्णु कुमार का भगवान टॉकीज चौराहे पर कोचिंग सेंटर हैं। विष्णु ने बताया तीन साल पहले विनोद जाट ने भी कोचिंग सेंटर खोला था। इसी दौरान उससे दोस्ती हुई। तभी से दोनों एक-दूसरे के संपर्क में हैं। शहर में उसके ठहरने की व्यवस्था वही करता था। कुख्यात से दोस्ती के चलते अन्य कोचिंग संचालक उससे डरते थे। उसके यहां पढ़ने वाले छात्रों को अपने यहां लाने की कोशिश नहीं करते थे। स्कूल प्रबंधक पर हमले में गिरफ्तार अन्य आरोपित हर्ष गौतम, उमा निवासी गांव कचौरा थाना अछनेरा, राजीव उर्फ राजू चाहर निवासी कागारौल, संतोष निवासी महामोनी थाना मुरसान हाथरस, महेश चौधरी गांव बमनई दरगवा थाना मुरसान हैं। आरोपित हर्ष गौतम, बीएससी का छात्र है। इंस्पेक्टर न्यू आगरा अजय कौशल के अनुसार सभी आरोपितों को जेल भेज गया है। डॉन बबलू श्रीवास्तव के अंदाज में फिरौती लेने का बना था प्लान बर्खास्त सिपाही विनोद जाट ने 25 करोड़ रुपये की फिरौती वसूलने का प्लान डॉन बबलू श्रीवास्तव के अंदाज में बनाया था। झांसी से दो वर्ष पहले दो सराफा व्यापारियों का अपहरण करने के बाद उन्हें सिकंदरा के भावना एस्टेट स्थित निखिल वुडलैंड अपार्टमेंट के एक फ्लैट में बंधक बनाकर रखा था। दोनों सर्राफ के अपहरण के बाद उनसे डॉन बबलू श्रीवास्तव के अंदाज में फिरौती वसूलने का प्लान बनाया था। रकम सीधे लेने की जगह दिल्ली में हवाला के माध्यम से विदेश भेजनी थी। वहां से हवाला के माध्यम से रकम उनके पास आती। मगर, इससे पहले ही वे एसटीएफ और पुलिस की मुठभेड़ में सर्राफ मुक्त करा लिए गए। कुख्यात की जमीनों के मामलों में था दखल बर्खास्त सिपाही ने जेल से जमानत पर आने के बाद हाथरस और अलीगढ़ में जमीनों का काम शुरू कर दिया था। वह विवादित जमीनों में दखलअंदाजी करके बड़ी रकम वसूलता। विवादित जमीनों को अपने लोगों को दिलाता था। जिस जमीन में उसके लोग सौदेबाजी के लिए हाथ डालते, विरोधी डर के चलते बीच में नहीं पड़ते थे। वह कोचिंग संचालक के माध्यम से आगरा में भी जमीनों का काम शुरू करना चाहता था। पास कराने का भी लेते थे ठेका विष्णु कुमार ने पुलिस को बताया कि वह कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों को पास कराने का भी ठेका लेते थे। किसी पार्टी पर रकम फंसने की स्थिति में विनोद जाट की मदद लेता था। कई बार उससे धमकी देकर दिलवाकर अपनी रकम उसने हासिल की।

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