कड़ी धूप में तप रहे तलवे, डाला जा रहा कमजोर पीठ पर बोझ
टूंडला के प्राथमिक विद्यालय में कड़ी धूप में जूतों का बोरा लाद रहे बच्चे का वीडियो वायरल।
आगरा, जेएनएन। सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर सुविधाएं मुहैया करा रही है। किताबों से लेकर ड्रेस, जूते व बैग निःशुल्क बांटे जा रहे है। शुक्रवार को स्कूलों में बांटने के लिए बीआरसी परिसर में जूते बांटे जा रहे थे। वितरण की जिम्मेदारी एबीआरसी दिलीप कुमाए को सौंपी गई है। दोपहर में टूंडला न्याय पंचायत में बांटे जाने वाले जूतों को करीब 150 मीटर दूर बने भवन में रखने के लिए मासूम स्कूली बच्चों को लगा दिया गया। जिसका वहां मौजूद कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया और वायरल कर दिया।
वीडियो में बच्चे सिर पर रखकर जूतों से भरे कार्टून ले जाते दिखाई दे रहे है। वजन अधिक होने के कारण एक बच्चे से कार्टून गिरता भी वीडियो में साफ दिख रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सभी अपनी-अपनी गर्दन बचाने में जुट गए गए हैं। एक दूसरे पर बच्चों को बुलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। जिस समय बच्चे कार्टून ले जा रहे थे उस समय कई एबीआरसी व एनपीआरसी वहां मौजूद थे। एबीआरसी दिलीप कुमार का कहना हैं कि हमनें तो गोदाम से निकालकर जूते एनपीआरसी टूंडला को दे दिए थे। एनपीआरसी टूंडला अनुपम सिंह का कहना है। हम तो मीटिंग में थे। जूते ला रहे बच्चे हमारे स्कूल के नहीं है। किसी ने साजिश की है। जांच में सब साफ हो जाएगा। वहीं बीएसए अरविंद पाठक का कहना है कि विडियो की जानकारी मिली है। जांच कराई जाएगी।
मिलता है भाड़ा
विभाग द्वारा जूते ले जाने के लिए सभी एनपीआरसी को भाड़ा दिया जाता है। बाबजूद इसके बच्चों को ढुलाई के काम में लगाया जाता है।
बच रहे थे अधिकारी जूता वितरण से
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को जूतों का वितरण अप्रैल से सत्र शुरू होने के साथ ही कराने का नियम है। शासन स्तर से इनकी आपूर्ति होती है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह के बाद जूतों की आपूर्ति हुई। फीरोजाबाद जिला मुख्यालय स्तर से इन्हें ब्लॉक संसाधन केंद्र और नगर के स्कूलों के लिए आर्य नगर स्थित शहरी संसाधन केंद्र पर भेजा गया। एक मई से ग्रामीण क्षेत्रों में जूता वितरण शुरू हो गया है। वहीं शहरी क्षेत्र के 80 स्कूलों के 11 हजार बच्चों के लिए आए जूते बंद कमरे में पड़े हैं।
शिक्षकों ने नगर शिक्षा अधिकारी को सुनाईं खरी-खरी
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने नगर शिक्षा अधिकारी श्रीकांत पटेल के सामने गुरुवार को जमकर आपत्ति की थी। उनका कहना था कि जब किताबें बंट गई तो नगर क्षेत्र में जूते क्यों नहीं बांटे। इसके लिए जिम्मेवारों को नोटिस जारी कर वेतन रोका जाए। शिक्षकों ने तत्काल नोटिस देने कहा, लेकिन उन्होंने बंट जाएंगे-बंट जाएंगे कहकर मामला टाल दिया। इस संबंध में नगर शिक्षा अधिकारी का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। वहीं शुक्रवार को चश्मा वितरण कार्यक्रम में नगर क्षेत्र के अधिकांश बच्चे छोटी बड़ी चप्पल पहनकर पहुंचे, उन पर अधिकारियों की नजर भी पड़ी।
बीती साल तो भीग गए थे शहर क्षेत्र के जूते
आर्यनगर में बने शिक्षा विभाग के शहरी संसाधन केंद्र की मनमानी का रोग पुराना है। पिछले साल भी यहां सरकार की ओर से वितरण के लिए नगर क्षेत्र 64 प्राथमिक और 16 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के जूते भेजे गए थे। तब भी यही हाल रहा। बारिश के कारण कमरे में भरे जूतों के बोरे भीग गए। गीले रहने के कारण जूतों में फंगस लग गई। इसके बाद नगर में दो दिन में बच्चों को जूते बंटवा दिए गए। शिक्षा विभाग के अफसर जिम्मेवारों पर कार्रवाई की हिम्मत तक नहीं कर पाए और जूते फट गए।
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