Move to Jagran APP

Viral Video: सौदेबाजी के दो और वीडियो वायरल होने से कठघरे में कांग्रेस

Video Viral रविवार को वायरल वीडियो में महिला ले रही शहर अध्यक्ष का नाम। शनिवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष के सौदेबाजी के वीडियो हुए थे वायरल।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 09:59 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 09:59 PM (IST)
Viral Video: सौदेबाजी के दो और वीडियो वायरल होने से कठघरे में कांग्रेस
Viral Video: सौदेबाजी के दो और वीडियो वायरल होने से कठघरे में कांग्रेस

आगरा, जागरण संवाददाता। टोरंट के खिलाफ हल्ला बोल नहीं करने को सौदेबाजी की सियासत का कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेसी कठघरे में हैं। रविवार को दो और वीडियो वायरल हुए, जिनमें एक महिला एससी- एसटी एक्ट के मामले में रुपये देकर दूसरे को फंसवाने के लिए कांग्रेस शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू, हिमांशु, रजनीश और मेहता का नाम ले रही है। हालांकि, यह दोनों वीडियो पुराने बताए जा रहे हैं।

loksabha election banner

शनिवार शाम कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित के टोरंट के खिलाफ प्रदर्शन न करने को सौदेबाजी के वीडियो वायरल होने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि रविवार को कांग्रेस के शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू से जुड़े दो वीडियो वायरल हो गए। इनमें एक वीडियो दो मिनट 50 सेकेंड और दूसरा दो मिनट 44 सेकेंड का है। यह वीडियो सात-आठ माह पुराने बताए जा रहे हैं। जिलाध्यक्ष के वीडियो वायरल होने के बाद इन्हें दोबारा वायरल किया गया है। यह देवेंद्र कुमार चिल्लू के कांग्रेस शहर अध्यक्ष बनने से पूर्व के बताए जा रहे हैं। एक वीडियो में महिला शहर अध्यक्ष द्वारा उसके माध्यम से दूसरे व्यक्ति को फंसाने के लिए एससी-एसटी एक्ट में झूठा मुकदमा दर्ज कराने की बात कह रही है, जबकि दूसरे में गाड़ी खड़ी कर दो लोगों की वार्ता है। इस मामले में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू ने बताया कि वीडियो में नजर आ रही महिला उनके घर के पास रहती है। दो लाेग उसका पता पूछते हुए आए थे तो मैं उन्हें उसका घर बताने गया था। महिला भी यही कह रही है कि मैंने बताया था। एससी-एसटी एक्ट के मामले से मेरा कोई संबंध नहीं है।

मनोज दीक्षित ने कहा वीडियो में एडीटिंग की गई

मनोज दीक्षित ने रविवार सुबह तीन मिनट 17 सेकेंड का वीडियो जारी किया। इसमें वो कह रही हैं कि उनके बारे में जो गलत वीडियो पोस्ट किया गया है, उससे उनका कोई वास्ता नहीं है। उन्हाेंने ऐसा कुछ नहीं कहा, जैसा कि वीडियो में बताया जा रहा है। 15 अगस्त को वो शाहिद अहमद के घर गई थीं। वहां बैठे व्यक्ति से उनकी पार्टी संगठन को लेकर बातचीत हुई थी। वीडियो में एडीटिंग की गई है। मैं जनता की आवाज उठाने को काम कर रही थी, लेकिन कुछ षड्यंत्रकारियों ने मुझे फंसाने को ऐसा किया है।

आखिर, पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं?

कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित ने वायरल वीडियो में एडीटिंग किए जाने की बात कही है, लेकिन इसकी शिकायत वो पुलिस में भी कर सकती थीं। न तो उन्होंने ऐसा किया है और न पार्टी नेतृत्व ने इस दिशा में कोई कार्रवाई की है।

षड्यंत्रकारियों के नाम सामने आना जरूरी

कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष राम टंडन का कहना है महिला अच्छा काम कर रही थी। उसे नीचा दिखाने को ऐसा प्रयास किया गया है। पार्टी ने अच्छा निर्णय लिया कि इस्तीफा लेकर जांच शुरू कर दी। प्रकरण में जो लोग संलिप्त हैं, उनके नाम सामने आना आवश्यक है। शहर कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष याकूब शेख ने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से मनोज दीक्षित के वायरल वीडियो के प्रकरण की जांच शीघ्र कराने और दोषी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सामाजिक बहिष्कार किया जाए

ब्रह्मसेना की बैठक रविवार को श्रीरामदूत हनुमान मंदिर, जगदीशपुरा में हुई। कांग्रेस से पिछले वर्ष निष्कासित किए गए संजय शर्मा ने कहा कि हमारा पक्ष जाने बगैर हमें निष्कासित कर दिया गया था, जबकि हमने कार्यकर्ताओं के सम्मान को बचाने के लिए संघर्ष समिति बनाई थी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीडियो में सौदेबाजी कर रही हैं, जबकि एक अन्य वीडियो में शहर अध्यक्ष द्वारा किसी को फंसाने के लिए फजी एससी-एसटी एक्ट की पटकथा लिखी जा रही थी। ऐसे लोगों ने जनांदाेलन को बदनाम किया है। इनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। बैठक में देवप्रकाश शर्मा, हितेंद्र गोस्वामी, पं. मनीष शर्मा, पं. अनिल वृंदावनिया, दीपक पंडित, संजय गोस्वामी आदि मौजूद रहे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.