अदाकारी के जादूगर पर भी चला था ताज का जादू, जानिये कादर खान का आगरा से क्या था रिश्ता
2000 में ताजनगरी आए थे अदाकारी के सरताज कादर खान। फिल्म तेरा जादू चल गया में निभाया था मिस्टर ओबराय का किरदार।
आगरा, जागरण संवाददाता। दमदार आवाज, शानदार अदाकारी और लेखन के लिए मशहूर हरदिल अजीज कादर खान अब हमारे बीच नहीं रहे। लेकिन उनकी यादें आज भी ताजनगरी के जेहन में ताजा है। वह फिल्म तेरा जादू चल गया की शूटिंग के दौरान 2000 में ताजनगरी आए थे।
उनसे मुलाकात करने वाले लोग आज भी उनकी खुशमिजाजी की तारीफ करते नहीं थकते। वह बताते हैं कि यहां फिल्म तेरा जादू चल की शूटिंग में शामिल होने आए थे। फिल्म में अभिषेक बच्चन और कीर्ति रेड्डी मुख्य भूमिका में थे। जबकि कादर खान ने इस फिल्म में मिस्टर ओबराय की भूमिका निभाई थी। लोग कहते हैं कि वह अपने अभिनय, डायलॉग डिलीवरी और आवाज के लिए जितने मशहूर थे। उतना ही वह उस समय लेखन में भी सक्रिय थे।
31 दिसंबर की रात को हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अभिनेता और लेखक कादर खान का निधन हो गया था। वह 81 वर्ष के थे। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पिछले कुछ समय से कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती थे।
गर्मजोशी से की थी मुलाकात
वह उस समय होटल जेपी पैलेस में ठहरे थे। वहां पहुंचने पर उन्होंने अपना स्वागत करने वाले होटल स्टाफ से गर्मजोशी से मुलाकात की थी। आज भी सभी उनके साथ की उस छोटी सी मुलाकात को याद करते हैं।
ताज की खूबसूरती के थे कायल
संगमरमर की खूबसूरत इमारत ताजमहल वैसे तो सभी को आकर्षित करती है, लेकिन आगरा आए कादर खान को यह कुछ ज्यादा ही आकर्षक लगी। इसलिए मीडिया के साथ हुई लंबी बातचीत में उन्होंने कई बार ताज की खूबसूरती का जिक्र किया था।
सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि
अपने मनपसंद कलाकार की दुनिया से रुखसती ने उनके प्रशंसकों को गहरा आघात लगा है। उन्होंने उस समय खींची गई उनके साथ की अपनी फोटोग्र्राफ सोशल मीडिया पर अपलोड कर उन्हें अपने शब्दों में भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
काबुल में जन्मे और हिंदुस्तान के दिलों में छाए
कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर, 1937 को काबुल में हुआ। उन्होंने 1973 में दाग फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। इसमें राजेश खन्ना मुख्य भूमिका में थे। इससे पहले वह रणधीर कपूर और जया बच्चन की फिल्म जवानी- दिवानी के लिए संवाद लिख चुके थे। एक पटकथा लेखक के तौर पर खान ने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्में लिखी।
कादर खान ने मनमोहन देसाई के साथ मिलकर धर्म वीर, गंगा जमुना सरस्वती, कुली, देश प्रेमी, सुहाग, अमर अकबर एंथनी और प्रकाश मेहरा के साथ ज्वालामुखी, शराबी, लावारिस और मुकद्दर का सिकंदर जैसी फिल्में लिखीं। खान ने कुली नंबर1, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, कर्मा, सल्तनत जैसी फिल्मों के संवाद लिखे। उन्होंने करीब 300 फिल्मों में काम किया और 250 से ज्यादा फिल्मों के संवाद लिखे थे। कादर खान को प्रोग्रेसिव सुपरान्यूक्लियर पाल्सी नामक बीमारी थी, जिसकी वजह से उन्हें बैलेंस बनाने में, चलने-फिरने में दिक्कत होती थी। इसके अलावा उन्हें डिमेंसिया (भूलने की बीमारी) भी थी।