Move to Jagran APP

Taxation: काम की खबर, आयकर रिटर्न सत्यापन से चूके, तो पड़ेगा महंगा

Taxation 30 सितंबर है सत्यापन की अंतिम तिथि। वर्ष 2015-16 से लेकर 2019-20 के रिटर्न का कर सकते हैं सत्यापन।इलेक्ट्रॉनिक मोड से बिना डिजिटल हस्ताक्षर के दाखिल आयकर रिटर्न को भरने के 120 दिनों के अंदर सत्यापित करना होता है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 07:32 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 07:32 AM (IST)
Taxation: काम की खबर, आयकर रिटर्न सत्यापन से चूके, तो पड़ेगा महंगा
30 सितंबर है आयकर रिर्टन सत्यापन की अंतिम तिथि।

आगरा, संदीप शर्मा। आयकर रिटर्न दाखिल करके, अब तक उसे सत्यापित नहीं किया है, तो तुरंत कर लें। आयकर विभाग ने इसके लिए 30 सितंबर तक आखिरी मौका दिया है। ऐसा न होने पर रिटर्न रद होने व अभियोजन तक की स्थिति बन सकती है।

loksabha election banner

सीए पंकज जैन ने बताया कि आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न सत्यापित करने का अंतिम मौका दिया है। इसमें मूल्यांकन वर्ष 2015-16 से लेकर 2019-20 के लिए ऑनलाइन दाखिल रिटर्न सत्यापित किए जा सकते हैं। बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक मोड से बिना डिजिटल हस्ताक्षर के दाखिल आयकर रिटर्न को भरने के 120 दिनों के अंदर सत्यापित करना होता है। लिहाजा ऐसे करदाता आधार वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी), नेट बैंकिंग ई-फाइलिंग अकाउंट में लॉग इन करके और इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (ईवीसी) के जरिए इसे सत्यापित कर लें।

ऐसे करें सत्यापन

सीए प्रार्थना जालान ने बताया कि आधार ओटीपी से सत्यापन करने को ई-फाइलिंग पोर्टल इनकम टैक्स इंडिया ई फाइलिंग डॉट जीओवी डॉट इन पर जाकर सत्यापन करें। इसके लिए पैन नंबर से आधार लिंक होना जरूरी है।वहीं नेट बैंकिंग से सत्यापन के लिए इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट में लॉग इन करें, बैंक द्वारा उपलब्ध इनकम टैक्स ई-फिलिंग लिंक पर जाएं और ई-वेरिफाई लिंक पर क्लिक करें, सत्यापन पूरा हो जाएगा। जबकि इलेक्ट्रानिक वेरिफिकेशन कोड (ईवीसी) से भी रिटर्न बैंक एटीएम से सत्यापित किया जा सकता है। इसके लिए बैंक एटीएम में कार्ड स्वैप करें, ई-फाइलिंग के लिए पिन डालने पर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ईवीसी कोड आएगा। उसे ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करके संबंधित लिंक में डालें, सत्यापन हो जाएगा।

रद हो सकता है रिटर्न

सीए राकेश अग्रवाल अंतिम तिथि तक रिटर्न सत्यापित न होने पर इसे रद किया जा सकता है, जिसे विभाग अपने पोर्टल से भी हटा देगा। आयकर कानून की धारा 148 में नोटिस जारी हो सकता है। रिटर्न को अपंजीकृत मानकर धारा 271एफ में पांच हजार रुपये का दंड लग सकता है। धारा 147 में मामले का पुनर्मूल्यांकन हो सकता है। साथ ही धारा 276सीसी में अभियोजन की कार्यवाही संभव हैं, जिसमें तीन से छह महीने की सजा का प्रावधान है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.