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आगरा में दल बदलने वालों ने खड़ी की मुश्किलें, रण के लिए रोज बदल रहे समीकरण

UP Assembly Election 2022 रण के लिए रोज बन-बदल रहे हैं समीकरण। दल बदलने वाले खड़ी कर रहे मुश्किल। टिकट कटने से मौजूदा विधायक आक्रोश में है लेकिन शांत है। सपा बसपा में भी सेंध लग रही है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 06:17 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 06:17 PM (IST)
आगरा में दल बदलने वालों ने खड़ी की मुश्किलें, रण के लिए रोज बदल रहे समीकरण
दल बदलने वाले भाजपा के लिए खड़ी कर रहे मुश्किल।

आगरा, जागरण संवाददाता। भाजपा ने अपने पांच विधायकों के टिकट काट दिए हैं, जिससे पार्टी में हलचल मची हुई। विधायक जितेंद्र वर्मा पार्टी छोड़ गए हैं, तो भाजपा से कई दूसरे चेहरों ने भी किनारा किया। सपा, बसपा में भी सेंध लग रही है। ऐसे में विधानसभा चुनाव के रण के समीकरण रोज बन- बिगड़ रहे हैं।

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समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष की कमान संभालने के बाद विधायक जितेंद्र वर्मा पूरे जिले में संगठन को जिताना चाहेंगे, लेकिन वे दो विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभाव दिखाएंगे। फतेहाबाद से वे मौजूदा विधायक है, जिस कारण भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक छोटेलाल वर्मा के सामने मुश्किल खड़ी करेंगे। वहीं जितेंद्र वर्मा के जाने से छोटेलाल वर्मा को आंतरिक विरोध कम झेलना होगा। इस सीट पर भाजपा की रूपाली दीक्षित भी सपा की टिकट से मैदान में आ गई हैं। सपा ने उन्हें घोषित प्रत्याशी राजेश शर्मा का टिकट काट मैदान में उतारा दिया है। वहीं जितेंद्र वर्मा की पत्नी जैतपुर ब्लाक से ब्लाक प्रमुख है और वे स्वयं भाजपा में रहते हुए भी बाह से लड़ने का मन बना रहे थे। ऐसे में बाह विधानसभा क्षेत्र में उनकी विशेष रुचि है। खेरागढ़ से पार्टी ने मौजूदा विधायक महेश गोयल का टिकट काट बसपा से पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाह को मैदान में उतारा है। विधायक पार्टी के निर्णय के साथ हैं, लेकिन इस सीट पर भाजपा एनजीओ प्रकोष्ठ के ब्रजक्षेत्र अध्यक्ष दिगंबर सिंह धाकरे पार्टी छोड़ निर्दलीय मैदान में आ गए हैं। वे भी पार्टी से दावेदारी कर रहे थे। सपा से आए पूर्व विधायक डा. धर्मपाल को टिकट देने से एत्मादपुर से मौजूदा विधायक रामप्रताप सिंह चौहान के समर्थन में भाजपाई विरोध में हैं। वहीं इसी सीट से भाजपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल भी बसपा से मैदान में आ गए हैं, तो भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ के ब्रजक्षेत्र संयोजक वीरेंद्र सिंह चौहान सपा-रालोद गठबंधन से मैदान में हैं। वीरेंद्र सिंह के परिवार का संघ से भी गहरा नाता है। इस सीट पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फतेहपुर सीकरी पर भाजपा ने पूर्व सांसद चौधरी बाबूलाल को भाजपा ने मैदान में उतारा है, जबकि राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह का टिकट काट दिया है। इस सीट पर दावेदारी कर रहे कई दिग्गजों से पार्टी को आंतरिक विरोध झेलना पड़ सकता है। वहीं आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाह का टिकट काट पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबीरानी मौर्य पर दांव लगाया है। टिकट कटने से मौजूदा विधायक आक्रोश में है, लेकिन शांत है। लेकिन इसी सीट से दावेदारी कर रहे पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया के बेटे अरुण कांत, आम आदमी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया है। 


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