चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल को आगरा में तगड़ा झटका, आडियो लीक होते ही जिलाध्यक्ष पर लिया एक्शन
राष्ट्रीय लोकदल के ब्रज क्षेत्र अध्यक्ष ने आगरा की जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर को पदमुक्त कर दिया है। पूर्व विधायक से बातचीत में लेन देन का ऑडियो हुआ था वायरल। नरेंद्र बघेल को बनाया गया है कार्यवाहक जिलाध्यक्ष। मामले में जांच कमेटी भी गठित की जाएगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आगरा में पहले चरण में मतदान होना है। उससे पहले ही राष्ट्रीय लोकदल की जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर पर गाज गिर गई है। दरअसल इंटरनेट मीडिया पर सोमवार को उनका एक आडियो वायरल हुआ था। जिसमें चुनाव में टिकट पाने को लेकर लेन-देन वाली बातचीत थी। साथ ही ये भी कहा गया था कि ये चौधरी चरण सिंह या चौधरी अजित सिंह वाली नहीं, जयंत चौधरी वाली राष्ट्रीय लोकदल है।
विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामांकन प्रक्रिया के बीच राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) में बड़ी उठा पटक हुई है। इंटरनेट मीडिया पर टिकट के लिए लेन देन का एक आडियो वायरल होने के मामले में पार्टी ने जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर को पदमुक्त कर दिया है। उनके स्थान पर पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेंद्र बघेल को कार्यवाहक जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। इधर, कुसुम चाहर ने आडियो को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को नकारा है। उनका कहना है कि फर्जी तरीके से उनकी आवाज तैयार कर आडियो वायरल किया गया है। आरोप निराधार हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर का कहना है कि ग्रामीण विधानसभा सीट पर टिकट के लिए लेनदेन की बातचीत का एक कथित आडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। दावा किया जा रहा है कि यह आडियो टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व विधायक कालीचरन सुमन और जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर के बीच बातचीत का है। इसमें टिकट के लिए सौदेबाजी की जा रही है। प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद पार्टी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। फिलहाल जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर को पदमुक्त कर दिया गया है। उनके स्थान पर पार्टी के ब्रजक्षेत्र अध्यक्ष जगपाल सिंह ने वरिष्ठ नेता नरेंद्र बघेल को कार्यवाहक जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए जल्द ही एक कमेटी गठित की जाएगी। कुसुम चाहर का कहना है कि उनके खिलाफ साजिश की गई है। आडियो में सुनाई दे रही आवाज, उनकी नहीं है। किसी दावेदार की टिकट कटवाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इधर, कालीचरन सुमन का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व ने टिकट के लिए कभी उनसे कोई डिमांड नहीं रखी थी लेकिन स्थानीय स्तर पर उनसे डिमांड रखी गई थी।