कुलपति ने कम किए कुलसचिव के अधिकार
आवासीय शैक्षिक संबद्धता व विधि विभाग की फाइलें सीधे जाएंगी कुलपति के पास काम में तेजी लाने का दिया गया हवाला कुलपति ने इस्तेमाल किया विशेषाधिकार
आगरा,जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्रा के अधिकार क्षेत्र को कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने कम कर दिया है। कुलपति द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के तहत यह कदम उठाया गया है। इसके लिए कुलपति द्वारा जारी पत्र में कार्य में गति लाने का हवाला दिया गया है।
कुलपति ने अपने विशेष अधिकार की धारा 13(1) के अंतर्गत आदेश जारी किया है। जारी पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि आवासीय इकाई विभाग, शैक्षिक विभाग, संबद्धता विभाग एवं विधि विभाग की फाइलें अब सहायक कुलसचिवों द्वारा सीधा कुलपति के पास अनुमोदन व आदेश के लिए भेजी जाएंगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय शिक्षण संस्थानों से संबंधित निदेशकों व विभागाध्यक्षों द्वारा भी संस्थान व विभागों की शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित पत्रावलियां सहायक कुलसचिव के माध्यम से कुलपति के पास ही जाएंगी। लंबे समय से चल रहा था मतभेद:
कुलपति और कुलसचिव के बीच लंबे समय से कई मुद्दों पर मतभेद चल रहे थे। शुरुआत शिक्षकों से प्रशासनिक कार्य लेने के आदेश से हुई थी। कुलसचिव इस आदेश के समर्थन में नहीं थे, उन्होंने अपना विरोध भी जाहिर किया था। इसके बाद अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति पर भी कुलसचिव ने सवाल खड़े किए थे। कुलसचिव का कहना था कि बिना विज्ञापन दिए अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति की जा रही है। अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति के पत्रों की फाइल कई महीने तक कुलसचिव के कार्यालय में ही रुकी रही। विभागीय सूत्रों की मानें तो जनवरी में हुई कार्यपरिषद की बैठक के मिनट्स भी अभी तक कुलसचिव ने कुलपति को नहीं भेजे हैं। काम को गति देने के लिए विभागों का बंटवारा किया गया है।- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति मैं छुट्टी पर लखनऊ में हूं। मेरे संज्ञान में आया है। अग्रिम कार्यवाही नियमानुसार ही होगी। - डा. अंजनी कुमार मिश्रा, कुलसचिव