साइबर क्राइम में अब तक पहली सजा, ठगी के दोषी को दो साल काटनी होगी जेल Agra News
हर्बल ऑयल के कारोबार के नाम पर हुई 41 लाख की ठगी में था शामिल। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज हुए किसी मुकदमे में ये पहली सजा।
आगरा, जेएनएन। हर्बल ऑयल के निर्यात के नाम पर दो साल पूर्व देहरादून के कारोबारी से हुई 41 लाख रुपये की ठगी में शामिल युवक को देहरादून अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) चतुर्थ सचिन कुमार की अदालत ने दोषी करार दिया है। उसे दो साल की सजा सुनाई गई है।
सहायक अभियोजन अधिकारी गुलाब ने सिंह ने अदालत को बताया कि कारोबारी ख्वाब बंसल निवासी डालनवाला देहरादून से रामसे ट्रॉय नाम के शख्स ने दिसंबर 2017 में ई-मेल के जरिये संपर्क किया। कहा कि वह आर्गेन्टो हर्बल लिक्विड ऑयल का कारोबार करता है। इसमें निवेश कर वह मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए उन्हें लोकल डीलर बनना होगा।
उसकी बातों में आकर ख्वाब बसंल ने हामी भरी तो उसकी ओर से तेल का सैंपल भेजा गया। सैंपल को चेक कराने के बाद रिपोर्ट सही बताई गई, जिसके बाद आगे के आर्डर के लिए अलग-अलग तिथियों में करीब 41 लाख 40 हजार रुपये जमा करा लिए गए। इसके बाद रामसे और उसके साथियों ने फोन उठाना बंद कर दिया। जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज हुआ।
विवेचना के दौरान शिव कुमार निवासी रावत कॉलोनी का नाम सामने आया। अधिकांश रकम उसी के खाते में ट्रांसफर कर निकाली गई थी। गवाहों और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोषी शिव कुमार को दो साल कठोर कारावास की सजा सुनाई और 12 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर उसे पांच दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। उत्तराखंड राज्य में साइबर थाने में दर्ज मामलों में यह पहली सजा है। अधिकांश मामलों में ठगी की रकम लोगों को नहीं मिल पाती और दोषियों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचते।