Move to Jagran APP

CoronaVirus Death Case: दो शिक्षक हार गए जिंदगी की जंग, लाखों खर्चे, लेकिन न बचा सके जान

CoronaVirus Death Case चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए थे दोनों शिक्षक। निजी अस्पतालों में बना लाखों का बिल फिर भी नहीं हुआ कोई फायदा। सरकार ने कोविड अस्पतालों में इलाज के लिए चार्ज निर्धारित किए हैं लेकिन निजी अस्पताल भर्ती के समय ही लाखों रुपये जमा करा रहे हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 01:31 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 01:31 PM (IST)
शिक्षा विभाग पर कोरोना लगातार कहर बरपा रहा है। प्रतीकात्मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण ने सबसे ज्यादा जिले के शिक्षकों को प्रभावित किया है। मंगलवार को बेसिक शिक्षा परिषद के 25वें शिक्षक डा. संजय चौधरी भी कोरोना संक्रमण से अपनी लड़ाई पुष्पांजलि हास्पिटल में हार गए। वहीं आरबीएस इंटर कालेज के शिक्षक राघवेंद्र सिंह परिहार ने भी रवि हास्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

loksabha election banner

स्वजन ने बताया कि ब्लाक अछनेरा के प्राथमिक विद्यालय मांगलौर गुर्जर में सहायक अध्यापक डा. संजय चौधरी चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद से संक्रमित थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए पुष्पांजलि हास्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां कई दिनों से उनका इलाज चल रहा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लाखों खर्चने के बाद भी मंगलवार सुबह उनकी सांसें थम गई।

वहीं राजा बलवंत सिंह इंटर कालेज में शिक्षक राघवेंद्र सिंह परिहार ने भी मंगलवार सुबह रवि हास्पिटल में दम तोड़ दिया। स्वजन ने बताया कि चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद 22 अप्रैल को उनकी तबीयत खराब होना शुरू हुई। शुरुआत में होम-आइसोलेशन में इलाज किया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें साढ़े तीन लाख जमा कराकर रवि हास्पिटल में भर्ती कराया गया। स्वजन को सिर्फ एक-दो दिन ही उनके स्वास्थ्य की अपडेट दी गई, इसके बाद कोई जानकारी नहीं दी जा रही था। मंगलवार सुबह फोन आया कि उनकी सांसें थम गई हैं।

बाह ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय गुही में शिक्षामित्र टिंकी भदौरिया का भी कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया।स्वजन ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं।

वहीं दूसरी तरफ नारायण दास विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के वरिष्ठ लिपिक राजकुमार की सांसें भी कोरोना संक्रमण के कारण थम गई। स्वजन ने बताया कि उनकी ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगी थी।तबीयत बिगडऩे पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गई। विद्यालय प्रधानाचार्य ऋषिकांत शर्मा ने बताया कि जिले के अस्पतालों में उन्हें भर्ती कराने के लिए स्वजन भटकते रहे। थक-हारकर उन्हें मथुरा के केएम अस्पताल भी भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उप्र सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. महेशकांत शर्मा और राजकुमार ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही मृतक के स्वजन को अनुग्रह राशि व मृतक आश्रित को नौकरी देने की मांग की।

लाखों खर्चें, लेकिन न जान बची

सरकार ने कोविड अस्पतालों में इलाज के लिए चार्ज निर्धारित किए हैं, लेकिन निजी अस्पताल भर्ती के समय ही लाखों रुपये जमा करा रहे हैं। शिक्षक राघवेंद्र सिंह परिहार के स्वजन ने जहां रवि हास्पिटल में भर्ती कराने के समय साढ़े तीन लाख रुपये जमा कराए, बाद में बिल का फुल एंड फाइनल भी करना पड़ा। वहीं डा. संजय चौधरी के साथ भी पुष्पांजलि हास्पिटल में भी ऐसा ही हुआ। घर के मुखिया के गुजर जाने और घर की सारी जमा पूंजी खपने से दोनों परिवार आर्थिक रूप से टूट गए है।

शोक की लहर

दोनों शिक्षकों के निधन के बाद से साथी शिक्षकों में शोक की लहर छा गई है। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री बृजेश दीक्षित ने संगठन की ओर से मृत शिक्षक को श्रद्धांजलि दी है।वहीं आरबीएस इंटर कालेज प्रधानाचार्य डा. यतेंद्र पाल सिंह ने मृत साथी के निधन पर शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की।माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट युवा प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष डा. भोज कुमार शर्मा ने मृत शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.