Fraud with Doctors: डॉक्टर से ठगी, पुलिस ने इस तरह जाल में फंसाये फर्जी BSNL अधिकारी
Fraud with Doctors डाक्टर से ठगी की कोशिश में दो फर्जी बीएसएनएल अधिकारी भेजे जेल। हास्पिटल को पैनल में शामिल कराने के नाम पर मांगे थे 30 लाख। एत्माद्दौला पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर शातिर किए गिरफ्तार।
आगरा, जागरण संवाददाता। फर्जी बीएसएनएल अधिकारी बनकर शातिरों ने अस्पताल संचालक डाक्टर को ठगी के जाल में फंसाने की कोशिश की। कर्मचारियों के कैशलेस इलाज के पैनल में उनके हास्पिटल को शामिल करने का झांसा देकर 30 लाख रुपये मांगे। डाक्टर की शिकायत पर पुलिस ने जाल बिछा लिया। इसके बाद शातिर अपने ही बुने जाल में फंस गए। डाक्टर से मिलने आ रहे दो शातिर गिरफ्तार कर लिए गए। उनका एक साथी फरार है।
एत्माद्दौला क्षेत्र में स्थित एपेक्स हास्पिटल के डायरेक्टर डा. अनिल कुमार यादव के पास अंजान नंबर से काल आई थी। वे शतिरों के बात करने के अंदाज से समझ गए। पुलिस से शिकायत कर दी। उनकी तहरीर पर एत्माद्दौला थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद रविवार को पुलिस ने रामबाग चौराहा से दो युवकों को गिरफ्तार कर लिए। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए युवकों में मुरैना के सिविल लाइंस निवासी अवधेश शर्मा और भोपाल के बजरिया निवासी सुजीत पंथी शामिल हैं। अवधेश वर्तमान में सीपी कालोनी ग्वालियर में रह रहा था। आरोपितों के कब्जे से 13 नए सिमकार्ड, दो पुराने सिमकार्ड व दो बीएसएनएल कंपनी के फर्जी प्रपत्र, फर्जी आधार कार्ड समेत अन्य बरामद हुआ है।
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आरोपित सुजीत पंथी एक मोबाइल नेटवर्किंग कंपनी का कर्मचारी है। उसे सिमकार्ड आराम से मिल जाते हैं। जून 2019 में भोपाल में साइबर थाना पुलिस ने जेल भेजा था। सुजीत के साथ उसके आठ और साथी धोखाधड़ी के मामले में जेल गए थे। भोपाल सेंट्रल जेल में उसकी मुलाकात पहले से बंद रमेश प्रजापति से हुई। दोनों में दोस्ती हो गई। रमेश को भी क्राइम ब्रांच भोपाल ने ठगी में जेल भेजा था। जमानत पर रिहा होने के बाद दोनों अपने साथी अवधेश शर्मा के साथ आगरा आए थे। ताजगंज क्षेत्र में फर्जी आईडी पर एक होटल लिया था। वहां रुककर आगरा के डाक्टरों से ठगी के लिए जाल बिछाया था। समय रहते पुलिस को सूचना मिल गई। वारदात से पहले ही आरोपियों को दबोच लिया गया। गिरफ्तारी में एसआई मनवीर सिंह, अजय कुमार, दुर्गा प्रसाद की अहम भूमिका रही।
अवधेश पर मिली प्रशांत की आईडी
पुलिस के अनुसार अवधेश के पास एक वोटर आईडी कार्ड मिला। उस पर नाम प्रशांत विश्वास लिखा हुआ था। फोटो अवधेश की लगी थी। अवधेश ने बताया कि फरार आरोपित रमेश प्रजापति गोरखपुर का निवासी है। उसी ने डाक्टरों से ठगी के लिए योजना तैयार की थी। पूर्व में वह इस अंदाज में वारदात कर चुका है। रमेश ने ही बीएसएनएल के फर्जी प्रपत्र तैयार किए थे। कैशलेस इलाज के लिए हास्पीटल पैनल में शामिल होने से हास्पीटल संचालक को मुनाफा होता है। इसलिए वे इस जाल में आराम से फंस जाते हैं। आरोपित ने नए सिमकार्ड के बारे में बताया कि ये सिमकार्ड नए हैं। एक डाक्टर से वह एक नंबर से बात करते थे। सिमकार्ड सुजीत पंथी लेकर आया था।
आगरा और मथुरा के कई डाक्टर थे निशाने पर
शातिरों के निशाने पर आगरा और मथुरा के कई प्रतिष्ठित डाक्टर थे। सुजीत जीएम बीएसएनएल बनकर इनसे अंग्रेजी में बात करता था। तीस लाख रुपये की मांग करता था। बीएसएनएल के जीएम तक यह मामला पहुंचा तो उन्होंने एडीजी अजय आनंद और एसएसपी आगरा व एसएसपी मथुरा से शिकायत की थी। इसके बाद उन्होंने सदर थाने में भी लिखित शिकायत की थी। साइबर सेल मामले की जांच कर रही थी।