Metro Project: पहले सुप्रीम कोर्ट से लाओ एनओसी, इस वजह से लौटा दिया गया प्रस्ताव Agra News
टीटीजेड प्राधिकरण ने लौटाया प्रस्ताव डिटेल में पुन मांगा। टीटीजेड में निर्माण तीन साल से लगी है तदर्थ रोक और यथास्थिति।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट को ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण से झटका लगा है। प्राधिकरण ने आगरा मेट्रो का प्रस्ताव लौटाते हुए लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) से पहले सुप्रीम कोर्ट से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लाने के लिए कहा है। क्योंकि बिना तदर्थ रोक और यथास्थिति हटे, प्राधिकरण एनओसी नहीं दे सकता है।
एलएमआरसी ने छह माह पहले टीटीजेड प्राधिकरण में आगरा मेट्रो के लिए एनओसी के लिए आवेदन किया था। एनओसी न मिलने पर पिछले दिनों संबंधित अफसर ने रिमाइंडर भेजा। टीटीजेड प्राधिकरण ने प्रस्ताव को वापस कर दिया। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि आगरा मेट्रो के लिए कहां पर किस तरह से काम होगा, इसकी डिटेल मांगी गई है। वहीं, पहले एनओसी सुप्रीम कोर्ट से मिलेगी, इसके बाद ही प्राधिकरण देगा।
पहले कॉरिडोर में ये हैं मेट्रो के स्टेशन
सिकंदरा, गुरु का ताल, आइएसबीटी, शास्त्रीनगर, आंबेडकर विवि, आरबीएस कॉलेज, राजा की मंडी, आगरा कॉलेज, एसएन मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा फोर्ट, ताजमहल पश्चिमी गेट, फतेहाबाद रोड, बसई और ताज पूर्वी गेट।
पहला कॉरिडोर - सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक : 14 किमी लंबाई, 6.53 किमी एलीवेटेड, 7.64 किमी अंडरग्राउंड
दूसरा कॉरिडोर - आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक : 16 किमी। यह पूरा ट्रैक एलीवेटेड होगा।
मुख्य बिंदु
- 2.66 लाख वर्ग मीटर जमीन की सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक पहले कॉरिडोर के लिए जरूरत होगी
- 4.86 लाख वर्ग मीटर जमीन चाहिए आगरा मेट्रो के लिए
- 8379 करोड़ रुपये है आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत