Move to Jagran APP

Budget for Tourist Spots: आ जाए बजट तो ताजनगरी में उभरकर आएंगे कई नए पर्यटन स्‍थल

जिला योजना में शामिल की गई थीं पर्यटन विभाग की आठ योजनाएं। पर्यटन स्थलों के विकास के 1.7 करोड़ रुपये के प्रस्ताव हैं शामिल। फतेहपुरसीकरी के सामरा गांव में बना हनुमान जी और बटेश्‍वर का मंदिर भी है इस योजना में शामिल।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 02:17 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 02:17 PM (IST)
Budget for Tourist Spots: आ जाए बजट तो ताजनगरी में उभरकर आएंगे कई नए पर्यटन स्‍थल
बटेश्‍वर को विकास के लिए है फंड की दरकार। फाइल फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में जिला योजना में चुने गए पर्यटन स्थल विकास के लिए बजट के मोहताज हैं। पर्यटन विभाग की योजनाओं काे अनुमोदन तो मिल गया था, लेकिन छह माह से अधिक समय बीतने के बावजूद उन्हें एक पैसा नहीं मिल सका है। इससे वो विकास की राह तलाश रहे हैं।

loksabha election banner

जिला योजना में हर वर्ष विभिन्न विभागों की योजनाअों को शामिल किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की जिला योजना में पर्यटन विभाग की आठ योजनाओं को चुना गया था। इनमें बटेश्वर, गुलिस्तां टूरिस्ट कांप्लेक्स, कैलाश मंदिर, पश्चिमाई मंदिर, सामरा के ताल वाले हनुमान मंदिर और श्रृंगी ऋषि के आश्रम में पर्यटन विकास के काम कराए जाने थे, जबकि किरावली स्थित अकबर की शिकारगाह का संरक्षण होना था। उपनिदेशक पर्यटन अमित ने बताया कि जिला योजना में चुने गए पर्यटन स्थलों को अनुमोदन तो मिला है, लेकिन बजट स्वीकृत नहीं हुआ है। इसके चलते वहां कोई काम शुरू नहीं कराया जा सका है।

जिला योजना में चुनी गईं योजनाएं

योजना, धनराशि

बटेश्वर का पर्यटन विकास, 20 लाख रुपये

अकबर की शिकारगाह का संरक्षण, 30 लाख रुपये

गुलिस्तां टूरिस्ट कांप्लेक्स का विकास, 50 लाख रुपये

कैलाश मंदिर का पर्यटन विकास, 20 लाख रुपये

बटेश्वर व चंबल सफारी के साइनेज, 20 लाख रुपये

रुनकता में पश्चिमानी मंदिर का विकास, 10 लाख रुपये

सींगना में श्रृंगी ऋषि के आश्रम का विकास, 10 लाख रुपये

सामरा में ताल वाले हनुमान बाबा मंदिर का विकास, 10 लाख रुपये

कई बार चुनी जा चुकी है अकबर की शिकारगाह

बीते एक दशक में पांच-छह बार जिला योजना में किरावली स्थित अकबर की शिकारगाह को शामिल किया जा चुका है। यह राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है, लेकिन इसके संरक्षण को कभी जिला योजना में बजट नहीं मिल सका है। वर्ष 2019 में तो किरावली तहसील प्रशासन द्वारा यहां कब्जा कर कार्यालय शुरू कर दिया गया था। दैनिक जागरण द्वारा इस खबर के प्रकाशन के बाद तहसील प्रशासन ने कब्जा हटाया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.