Move to Jagran APP

Cyber Crime: बुरे वक्त में घड़ी बेचने का विज्ञापन दिया, खाते से 46 हजार और गंवाए

साइबर शातिरों के जाल में फंसा ताजगंज का टूर गाइड। ऑनलाइन खरीदफरोख्त की वेबसाइट पर घड़ी बेचने को दिया था विज्ञापन।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 11:50 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 11:50 AM (IST)
Cyber Crime: बुरे वक्त में घड़ी बेचने का विज्ञापन दिया, खाते से 46 हजार और गंवाए
Cyber Crime: बुरे वक्त में घड़ी बेचने का विज्ञापन दिया, खाते से 46 हजार और गंवाए

आगरा, जागरण संवाददाता। बुरे वक्त में टूर गाइड ने घड़ी बेचने का विज्ञापन दिया। मगर, समय खराब चल रहा था। अपरिचित के पेटीएम में एक रुपये भेजकर अपने खाते से 46 हजार रुपये गंवा दिए। मोबाइल पर बैंक खाते से किस्तों में 46 हजार रुपये निकलने का मैसेज आने पर गाइड के होश उड़ गए। उसने बैंक जाकर खाता ब्लॉक कराया। मामले की शिकायत साइबर सेल में की गयी है।

loksabha election banner

ताजगंज के धांधूपुरा निवासी विकास यादव टूर गाइड हैं। उन्होंने तीन दिन पहले आॅनलाइन खरीदफरोख्त करने वाली वेबसाइट पर अपनी घड़ी बेचने का विज्ञापन दिया था। विकास ने बताया घड़ी कीमत उन्हाेंने 16,500 रखी थी। सोमवार की सुबह दस बजे उनके पास एक युवक ने फोन किया। उनसे कहा कि वह घड़ी खरीदना चाहता है। युवक ने घड़ी कीमत पहले 16 हजार रुपये लगायी। मगर,घड़ी की वास्तविक कीमत 24 हजार रुपये होने का हवाला देते हुए विकास ने मना कर दिया। इस पर युवक 16,500 रुपये में घड़ी खरीदने पर राजी हो गया।

युवक ने विकास को बताया कि वह आगरा में रहता है। उसके भाई जो कि सेना में हैं,वह दिल्ली में रहते हैं। घड़ी का भुगतान वही पेटीएम से करेंगे।इसके बाद शातिर ने विकास से कहा कि वह अपना एकाउंट वेरीफाइड कराने के लिए उसके खाते में एक रुपये भेज दें। विकास के एक रुपये भेजते ही शातिर ने उनसे मोबाइल पर बात करने के दौरान कई किस्तों में उनके खाते से 46 हजार रुपये निकाल लिए। लगातार रकम निकलने का मैसेज आते देखकर उन्होंने बैंक से संपर्क किया। उनसे शिकायत करके खाते को ब्लॉक कराया। इसके बाद खाते से रकम निकलना बंद हुई।

विश्वास दिलाने को भेजी थी आइडी

शातिर ने विकास यादव को विश्वास दिलाने के लिए उनके मोबाइल पर अपना आधार कार्ड समेत अन्य जरूरी दस्तावेज भेजे। इससे कि उन्हे यकीन हो जाए कि वह धोखाधड़ी नहीं करना चाहता। शातिर द्वारा अपनी आइडी भेजने और भाई को फौजी बताने पर विकास को उस पर यकीन हो गया।

जाल में फांसने के लिए बताते हैं फौजी

ऑनलाइन खरीदफरोख्त करने वाली वेबसाइट पर सक्रिय साइबर शातिर लोगों को अपने जाल में फांसने के लिए खुद को फौजी बताते हैं। इससे कि लोगों को उन पर आसानी से विश्वास हो जाए। इस साल साइबर धोखाधड़ी के एक दर्जन से ज्यादा मामलों में शातिरों ने खुद को फौजी बताकर लोगों को ठगा।

साइबर शातिरों से बचने के लिए यह रखें सावधानी

आइजी रेंज साइबर सेल के प्रभारी शैलेश कुमार सिंह के अनुसार जरा सी सावधानी और जागरूकता आपको को साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचा सकती हैं। इन बातों का ध्यान रखें-

-गूगल पर सर्च किए गए कस्टमर केयर नंबर का इस्तेमाल न करें, धाेखा हो सकता है।

-किसी भी समस्या के होने पर बैंक, ई-वॉलेट या अन्य संबंधित की असली वेबसाइट पर ही जाकर कस्टमर केयर नंबर पर ईमेल आदि का इस्तेमाल करें।

-फाेन कॉल एसएमएस या अन्य किसी माध्यम से ओटीपी या यूपीआइ अौर एटीएम पिन किसी के साथ शेयर नहीं करें।

-एसएमएस या वॉट्सएप पर आए किसी लिंक या गूगल फॉर्म (जिस पर किसी कंपनी, बैंक, ई-वॉलेट आदि का नाम हो सकता है) में कोई भी अपनी निजी जानकारी जैसे गूगल, यूपीआइ पिन,एटीएम पिन या बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबर कार्ड नंबर रुपये (रुपये एक, दो, पांच, दस, 20 आदि छोटी रकम हो सकती है) शेयर नहीं करें। छोटी रकम का लालच देकर कोई आपकी निजी जानकारी चुरा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.