Income Tax: अहम हैं आयकर के यह बदलाव, एक अप्रैल से होंगे लागू, रहें तैयार
वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा रिटर्न दाखिल करने से छूट। यह छूट उन बुजुर्गों को मिलेगी जिनकी आय का स्रोत सिर्फ और सिर्फ पेंशन और ब्याज है। आइटीआर दाखिल करने की छूट तब ही मिलेगी जब ब्याज की आय उसी बैंक में अर्जित की गई हो।
आगरा, जागरण संवाददाता। एक अप्रैल 2021 से नए वित्तीय वर्ष 2021-22 की शुरुआत के साथ ही आयकर के ऐसे तमाम नियम हैं, जो नए लागू हो जाएंगे। उसका सीधा असर प्रत्यक्ष तौर पर आम आदमी के जीवन पर पड़ेगा, इसीलिए उन नियमों के बार में जरूरी है कि आप पहले ही जानकारी जुटा लें।
सीए दीपिका मित्तल ने बताया कि एक अप्रैल 2021 से शुरू हो रहे नए वित्तीय वर्ष से 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न (आइटीआर) फाइल करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह छूट उन बुजुर्गों को मिलेगी, जिनकी आय का स्रोत सिर्फ और सिर्फ पेंशन और ब्याज है। आइटीआर दाखिल करने की छूट सिर्फ उसी स्थिति में मिलेगी, जब ब्याज की आय उसी बैंक में अर्जित की गई हो, जहां पेंशन जमा की जाती है।
रिटर्न फाइलिंग होगी आसान
करदाताओं के लिए अब अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना ज्यादा आसान होगा, कारण अब वेतन से होने वाली आय के अलावा अन्य साधनों से होने वाली आय जैसे डिविडैंड से आय, कैपिटल-गेन से आय, बैंक डिपाजिट ब्याज से आय, पोस्ट आफिस की ब्याज से आय आदि की जानकारी उन्हें पहले से ही फार्म में देनी होगी। अभी तक की व्यवस्था में करदाता इसकी अलग से गणना करके भरते थे। इससे कई बार भूल होने की संभावना रहती थी, अब यह पूरी जानकारी पहले से भरी हुई आएगी, तो रिटर्न आसानी से फाइल किया जा सकेगा।
ज्यादा देना होगा टीडीएस
सीए पंकज अग्रवाल ने बताया कि आयकर रिटर्न फाइल न करने वालों के लिए सरकार ने नियम काफी सख्त कर दिए हैं। इसके लिए सरकार ने आयकर अधिनियम में सेक्शन 206 एबी जोड़ा है। इसके तहत अब आइटीआर फाइल न करने पर एक अप्रैल 2021 से दोगुना टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीडीएस) देना होगा। नए नियमों के अनुसार जिन लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर टीसीएस भी ज्यादा लगेगा।
वहीं बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) कारोबार के तहत एक अप्रैल से ऐसे सभी कारोबारियों के लिए ई-इनवायस अनिवार्य हो जाएगा, जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से अधिक है।
पीएफ अंशदान पर लगेगा टैक्स
नए वित्त वर्ष 2021-22 में ढ़ाई लाख रुपये से अधिक के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) योगदान पर आयकर के तहत टैक्स का प्रावधान किया गया है। इस दायरे में सामान्य तौर पर प्रति माह दो लाख रुपये से अधिक की कमाई वाले आयकरदाता आएंगे। अब आपकी ढ़ाई लाख से अधिक जमा रकम पर ब्याज से जो कमाई होगी, उस पर देय कर स्लैब की दर से टैक्स लगेगा।