अरे वाह ! जूते हैं या डॉक्टर, पहनते ही कर देते हैं फिर सेहतभरी चाल Agra News
ब्रिटेन में शोध को लेकर आगरा में तैयार हो रहे जूते चप्पल सोल हुआ मुलायम।
आगरा, संजीव जैन। जूते-चप्पल खरीदते समय फैशन व स्टाइल पर ही ज्यादा नजर रहती है। शोध कहते हैं कि सही जूते-चप्पल का चुनाव ना करना पैरों में दर्द के साथ-साथ चोटिल होने की आशंका बढ़ा देता है। आरामदायक होने के साथ-साथ उनमें अच्छा कुशन बेस पैरों की गोलाई के अनुरूप होना चाहिए। सोल मुलायम और लचीला होना चाहिए। अगर चलने का काम अधिक है और पैरों को बेहतर संतुलन और सहारा मिले, इसके लिए उनकी हील भी कम होनी चाहिए।
देश के जूता-चप्पल निर्यात में 28 फीसद योगदान कर रहे आगरा में इसी शोध पर फोकस कर जूता व चप्पल तैयार हो रहे है। उनके साइज में भी बदलाव किया गया है। केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान (सीएफटीआइ) के निदेशक सनातन साहू, आगरा फुटवियर मैन्यूफैर्स एंड एक्सपोर्ट चैंबर (एफमैक) के अध्यक्ष पूरन डावर, काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के रीजनल चेयरमैन नजीर अहमद, अपर्णा शू इकाई के प्रबंध निदेशक बंटी ठाकुर व आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गगनदास रामानी की मानें तो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की शोध के अनुसार ऊंची एड़ी वाली सैंडलों या जूतों से घुटनों और जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है, इससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इस बीमारी में हड्डियों में टूट-फूट होने लगती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इसका खतरा दो गुना ज्यादा होता है। हाइ हील पहनने से जांघ की मांशपेशियां खिंचती हैं और शियाटिका तथा अन्य रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के कॉलेज ऑफ पोडियाट्री में हुए एक शोध के अनुसार हील की ऊंचाई पंजों पर पड़ने वाले दबाव को बढ़ा देती है। 1 इंच की हील इस दबाव को 22 प्रतिशत, 2 इंच की हील इसे 57 प्रतिशत और 3 इंच की हील इस दबाव को 76 प्रतिशत तक बढ़ा देती है, इसे एड़ियों के साथ दूसरे अंगों पर जरूरत से ज्यादा जोर पड़ता है। अमेरिकन पीडियाटिक मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार लड़खड़ा कर गिरने में पुरुषों से चार गुना आगे हैं महिलाएं। इसका कारण ऊंची हील के फुटवियर्स हैं।
ये हुआ बदलाव
- आरामदायक, सोल मुलायम और लचीला, कम वजन, पंजों के बीच पर्याप्त जगह देने के लिए बेस कुशन लगाया जा रहा है।
- स्नीकर्स यानी एथलेटिक जूतों का ऊपरी हिस्सा बहुत ही लचीला और सोल यानी के तला सॉफ्ट रबर का बनाया जा रहा है ताकि वह पहनने में बहुत ही कंफर्टेबल होते हैं।
विशेषज्ञ की राय
स्टाइलटोस या पेंसिल हील पहनना फैशनेबल हो सकता है, लेकिन इससे हड्डियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। थोड़े समय के लिए हाइ हील्स पहनने से कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन आदतन लंबे समय तक हाइ हील्स फुटवियर्स पहनने से कई समस्याएं हो सकती हैं। चूंकि हमारे पैर ऊंची एड़ी के फुटवियर के अनुसार नहीं बने हैं, इसलिए आगे के पंजों और एड़ियों पर असामान्य दबाव पड़ता है। संतुलन बनाने में परेशानी आती है, गिरने की आशंका बढ़ती है और मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है, घुटनों और कमर में दर्द और जल्दी थकान होने की समस्या बढ़ जाती है।
डॉ सीपी पॉल, विभागाध्यक्ष व आर्थोपेडिक एंड च्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, एसएन मेडिकल कॉलेज