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दयालबाग शिक्षण संस्थान में विद्यार्थियों और सुरक्षाकर्मियों में हुई हाथापाई, ये थी वजह

संस्थान प्रशासन से जुड़े व्यकि्त ने छात्र को मारा थप्पड़। संस्थान ने कहा- मेरिट कम इसलिए एमए में किया आवंटित। विद्यार्थियों ने लगाया भविष्य खराब करने का आरोप पुलिस ने किया हस्तक

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 06:21 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 06:21 PM (IST)
दयालबाग शिक्षण संस्थान में विद्यार्थियों और सुरक्षाकर्मियों में हुई हाथापाई, ये थी वजह
दयालबाग शिक्षण संस्थान में विद्यार्थियों और सुरक्षाकर्मियों में हुई हाथापाई, ये थी वजह

आगरा, जागरण संवाददाता। दयालबाग शिक्षण संस्थान में एमबीए के विद्यार्थियों को एमए में करने का मामला शांत नहीं हुआ है। रविवार को भी कुछ विद्यार्थी संस्थान पहुंचे थे, जहां संस्थान के सुरक्षाकर्मियों से उनकी हाथापाई भी हुई।विद्यार्थियों को संस्थान से बाहर निकलने को कहा।इस दौरान एक छात्र में संस्थान प्रशासन से जुड़़े एक व्यकि्त ने थप्पड़ भी मार दिया।मौके पर पुलिस भी पहुंची।

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क्या है पूरा मामला?

संस्थान ने एमबीए के विद्यार्थियों का आवंटन एमए सोशल साइंस एंड बिजनेट मैनेजमेंट में कर दिया। इसकी सूचना विद्यार्थियों को मैसेज द्वारा दी गई। विगत शनिवार को विद्यार्थी इसी संबंध में बात करने के लिए संस्थान पहुंचे।संस्थान ने समस्या का समाधान करने की बजाय पुलिस बुला ली थी।इसके बाद छात्रों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत कर दी थी।

विद्यार्थियों और सुरक्षाकर्मियों में हुई हाथापाई

रविवार को भी कुछ विद्यार्थी संस्थान पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोका,संस्थान प्रशासन से जुड़े लोग वहां पहुंचे और विद्यार्थियों को बाहर निकल जाने को कहा।विद्यार्थियों ने कहा कि हमें जवाब चाहिए, आप बिना किसी पूर्व सूचना के हमें दूसरे पाठ्यक्रम में आवंटित नहीं कर सकते हैं।संस्थान प्रशासन किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार नहीं था। इसी बीच एक छात्र को संस्थान प्रशासन के एक व्यकि्त ने थप्पड़ मार दिया। इस बात से विद्यार्थी उग्र हो गए और सुरक्षाकर्मियों से हाथापाई हुई। संस्थान ने पुलिस बुला ली। पुलिस कर्मियों ने विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की, संस्थान प्रशासन से भी कहा कि अपना पक्ष रखिए।

मेरिट कम, इसलिए मिला एमए

पुलिसकर्मियों के कहने पर संस्थान प्रशासन ने विद्यार्थियों को जवाब दिया कि एमबीए में 400 सीटें हैं। संस्थान का नियम है कि 400 सीटें भरने के बाद जिस विद्यार्थी की मेरिट कम होगी, उसे एमए सोशल साइंस एंड बिजनेस मैनेजमेंट में आवंटित किया जाता है।दोनों पाठ्यक्रों की फीस बराबर है।इस पर विद्यार्थियों का कहना था अगर हमारी मेरिट कम थी तो हमें एमबीए की अॉनलाइन क्लास क्यों अटैंड कराई जा रही थी? इस नियम की जानकारी प्रवेश के समय क्यों नहीं दी गई? अब हम किसी और संस्थान के एमबीए पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एप्लाई नहीं कर सकते हैं, संस्थान ने हमारा भविष्य खराब कर दिया है।संस्थान का पक्ष सुनने के बाद विद्यार्थी अगले कदम की रणनीति बना रहे हैं।इस मामले पर बात करने के लिए संस्थान के मीडिया प्रभारी को कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। 


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