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Polygraph Test: पालीग्राफ टेस्ट से बाहर आएगा मौत का राज, आगरा में कपड़ा शोरूम मालिक की हुई थी दो साल पहले संदिग्‍ध मौत

आवास विकास कालोनी में अप्रैल 2019 को हुई थी संदिग्ध हालात में मौत। बड़े भाई ने मृतक की पत्नी और सालों के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा। दोनों पक्ष की सहमति के बाद पुलिस ने कोर्ट में दिया था पालीग्राफ टेस्ट के लिए प्रार्थना। लखनऊ फोरेंसिक लैब में होगा टेस्ट।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 10:11 AM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 10:11 AM (IST)
Polygraph Test: पालीग्राफ टेस्ट से बाहर आएगा मौत का राज, आगरा में कपड़ा शोरूम मालिक की हुई थी दो साल पहले संदिग्‍ध मौत
कपड़ा शोरुम मालिक के परिजनों का पॉलीग्राफ टेस्‍ट कराया जाएगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। जगदीशपुरा की आवास विकास कालोनी ढाई साल पहले कपड़ा शोरूम मालिक की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अब पालीग्राफ टेस्ट की मदद लेगी। मृतक की पत्नी और भाई की सहमति के बाद पुलिस ने पालीग्राफ टेस्ट कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। अदालत से अनुमति के बाद पुलिस अब अक्टूबर में दोनों पक्ष के आठ लाेगों का लखनऊ फोरेेंसिक लैब में परीक्षण कराएगी।

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घटना चार अप्रैल 2019 की है। आवास विकास कालोनी सेक्टर चार में रहने वाले सेनापति की हालत बिगड़ने पर भाई प्रीतम सिंह ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान सेनापति ने दम तोड़ दिया। उनकी उम्र करीब 42 साल थी। सेनापति का बोदला पर कपड़ों का शोरूम था। जिस पर वह अपनी पत्नी सरोज के साथ बैठते थे। स्वजन ने पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया। पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर पुलिस ने उनका विसरा जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया था।

मामले में मोड़ नवंबर 2019 में आया। विसरा रिपोर्ट आने पर पर उसमें मौत का कारण जहर बताया गया। जिस पर भाई प्रीतम सिंह ने मृतक की पत्नी सरोज व सालों के खिलाफ नवंबर 2019 में साजिश के तहत हत्या करने का आरोप लगाते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। अदालत के आदेश पर जगदीशपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने विवेचना शुरू की। ससुराल वालों ने पुलिस को बताया कि सरोज और सेनापति की शादी 15 साल पहले हुई थी। उनके तीन बच्चे भी हैं। मृतक की पत्नी ने वादी प्रीतम सिंह पर साजिश का आरोप लगाया। उसका कहना था कि जब सेनापति की मौत हुई, वह अपने भाई के पास थे। जबकि भाई प्रीतम सिंह का पुलिस से कहना था कि भाई की हालत बिगड़ने की जानकारी होने पर वह उसे अपने साथ लेकर आए थे। इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी मौत हो गई।

इंस्पेक्टर जगदीशपुरा राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि सेनापति की माैत की गुत्थी सुलझाने के लिए पालीग्राफिक टेस्ट कराने का निर्णय किया गया। वादी मुकदमा प्रीतम सिंह और मृतक की पत्नी सरोज की सहमति के बाद पुलिस ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। अदालत की अनुमति के बाद दोनों पक्ष के आठ लोगों का पालीग्राफ टेस्ट कराया जा रहा है। यह टेस्ट लखनऊ फोरेंसिक लैब में पांच से नौ अक्टूबर के दौरान होगा।

इनका होगा पालीग्राफ टेस्ट

एक पक्ष: मृतक के भाई प्रीतम सिंह, बहनें राजकुमारी, क्रांति और प्रीतम का चालक अनूप।

दूसरा पक्ष: मृतक की पत्नी सरोज व साले सतेंद्र, जीतेंद्र और यतेंद्र।


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