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आगरा में विद्युत शवदाह गृह की दूसरी भट्टी भी हुई सही, आज शाम से होगी शुरू

मोक्षधाम पर 60 और विद्युत शवदाह गृह पर 11 शवों का अंतिम संस्कार। दूसरी भट्टी चालू करने के बाद उसका तापमान 600 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुुचने में करीब 20 घंटे लगेंगे। रविवार को बल्केश्वर घाट पर जलीं 22 चिताएं। सरकारी आंकड़ों में मृतक संख्‍या छह दर्शायी गई है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 09:00 AM (IST)
आगरा में विद्युत शवदाह गृह की दूसरी भट्टी भी हुई सही, आज शाम से होगी शुरू
आगरा में ताजगंज श्‍मशान घाट का दृश्‍य।

आगरा, जागरण संवाददाता। विद्युत शवदाह गृह की दूसरी भट्टी रविवार को सही हो गई। यह भट्टी सोमवार की शाम से चालू हो जाएगी। वहीं, मोक्षधाम पर 60 और विद्युत शवदाह गृह पर 11 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं बल्केश्वर घाट पर भी 22 चिताएं जलीं। मोक्षधाम पर रात 12 बजे तक शवों के अंतिम संस्कार किया गया। वहीं सरकारी आंकड़ें में मृतक संख्‍या छह दर्शायी गई है। अप्रत्‍याशित रूप से मृतक संख्‍या में आए उछाल को इस शहर के वाशिंदे हजम नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर इतनी संख्‍या में मौतों के पीछे वजह क्‍या है।

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बीते कुछ दिनों से विद्युत शवदाह गृह की सिर्फ एक भट्टी ही काम कर रही थी। कोरोना संक्रमण से मृत और लावारिस शवों का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह पर ही किया जा रहा है। पिछले दिनों चारों भट्टी के लगातार जलने से उनके गेट, पायदान आदि गल गए थे। इससे चारों भट्टी बंद हो गई थीं। किसी तरह एक भट्टी को चालू किया जा सका था। रविवार को दूसरी भट्टी को भी सही करके चालू कर दिया गया। मगर, इसमें शवों के अंतिम संस्कार का काम सोमवार की शाम से ही शुरू हो सकेगा। क्योंकि भट्टी चालू करने के बाद उसका तापमान 600 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुुचने में करीब 20 घंटे लगेंगे।

वहीं, रविवार को भी मोक्षधाम पर अंतिम संस्कार करने वालों की लाइन लगी रही। मोक्षधाम प्रभारी मनोज शर्मा के अनुसार देर रात 60 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। विद्युत शवदाह गृह में 11 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। जबकि बल्केश्वर घाट पर भी रविवार को 22 चिताएं जलीं।

जिला जेल से चार कुंतल गोकाष्ठ भेजा गया

जिला जेल के बंदियों द्वारा गाय के गोबर से तैयार किया गया चार कुंतल गोकाष्ठ शमशान घाट को दिया गया। मोक्षधाम प्रभारी मनोज शर्मा ने बताया कि गोकाष्ठ की 200 बोरी जेल प्रशासन से खरीदी हैं। पेड़ों को बचाने के लिए बंदियों द्वारा गाेबर से तैयार गोकाष्ठ तैयार किया जाता है। इसे आगरा मोक्षधाम के अलावा अन्य जगहों पर दिया जाता है।

बल्केश्वर घाट पर दिन-रात जुटे समिति के सदस्य

बल्केश्वर घाट पर 15 अप्रैल के बाद से शवों के अंतिम संस्कार की संख्या तीन से चार गुना तक बढ़ी है। यहां की व्यवस्थाएं श्री अग्रवाल महासभा बल्केश्वर द्वारा की जाती है। घाट पर सफाई से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को करने के लिए समिति के पदाधिकारी दिन-रात जुटे हैं। समिति के पदाधिकारी महेश के मुताबिक अप्रैल के दूसरे पखवाड़े के बाद से शवों के अंतिम संस्कार की संख्या काफी बढ़ी है। 


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