ताजमहल से दिखे भगवान पार्श्वनाथ मंदिर का शिखर
छीपीटोला स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर का होगा नवनिर्माण रविवार को निकाली गई शोभायात्रा मंगल कलशों की स्थापना
आगरा,जागरण संवाददाता। पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, छीपीटोला का नवनिर्माण किया जाएगा। मुनि वीर सागर ने रविवार को निर्मल सदन में कहा कि यह चातुर्मास भगवान पार्श्वनाथ के मंदिर का नवनिर्माण करने के लिए हो रहा है। भगवान पार्श्वनाथ का मंदिर ऐसा बनना चाहिए कि ताजमहल से उसका शिखर नजर आए।
रविवार सुबह पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से मुनि वीर सागर, मुनि विशाल सागर और मुनि धवल सागर के सानिध्य में शोभायात्रा निकाली गई। महिलाएं केसरिया और पुरुष सफेद वस्त्र पहकर भगवान महावीर का जयघोष करते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा के निर्मल सदन पहुंचने पर मंगलाचरण, चित्र अनावरण और दीप प्रज्वलन हुआ। मेयर नवीन जैन ने मुनिश्री को श्रीफल भेंट किया। छीपीटोला के जैन समाज ने मंदिर के नवनिर्माण का संकल्प लिया। मंदिर में मंगल कलशों की स्थापना की गई। प्रदीप जैन पीएनसी, हीरालाल बैनाड़ा, पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष दिलीप जैन, जगदीश प्रसाद जैन, जितेंद्र जैन, राजकुमार जैन, मनोज जैन, निर्मल मोठ्या, राकेश जैन, दयाचंद जैन आदि मौजूद रहे। ज्ञान का खजाना है योग: प्रणम्य सागर मुनि प्रणम्य सागर ने शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति में बहुत से ज्ञान के खजाने छिपे पड़े हैं। ऐसा ही एक ज्ञान का खजाना योग है। प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के समय से ही जैन संस्कृति में योग की परंपरा शुरू हो गई थी, लेकिन समय के साथ हम इसे भूल गए। योग के इसी ज्ञान को अर्हं ध्यान योग के रूप में पुन: प्रचारित किया जा रहा है।
इससे पूर्व रविवार सुबह मुनि प्रणम्य सागर और मुनि चंद्र सागर ससंघ चंद्रप्रभु जैन मंदिर देव नगर खंदारी से मंगल विहार करते हुए शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सेक्टर सात आवास विकास कालोनी सिकंदरा पहुंचे। यहां भक्तों ने मुनि संघ की भव्य अगवानी की। श्रद्धालुओं ने पाद प्रक्षालन और मंगल आरती की। मुनि संघ का मंगल विहार सोमवार सुबह छह बजे सेक्टर चार जैन मंदिर होते हुए शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर हरीपर्वत के लिए होगा। कमल जैन, अखिल जैन, विजय जैन, केवल चंद जैन, अनिल आदर्श जैन, महेश चंद जैन, सतीश जैन, हेमा जैन, चौ. गौरव जैन, राहुल जैन आदि मौजूद रहे। जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है संतों का सानिध्य
चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर, गंगे गौरी बाग बल्केश्वर में रविवार को चातुर्मास मंगल कलश स्थापना के साथ आचार्य आदित्य सागर महाराज ससंघ का चातुर्मास शुरू हो गया। आचार्य आदित्य सागर ने कहा कि चातुर्मास काल एक स्थान पर रहकर धर्म की आराधना व तप करने का समय है। धर्म हमारे आचरण में होना चाहिए। जहां संतों का चातुर्मास होता है, वहां समाज में ज्ञान और धर्म की वृद्धि होती है। संतों का सानिध्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। पं. रविद्र जैन के निर्देशन में धार्मिक क्रियाएं की गईं। मंदिर में प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे से आचार्य के प्रवचन होंगे। सचिन जैन, प्रवीन जैन, रूपेश जैन, राजीव जैन, संजय जैन, आरसी जैन, राहुल जैन, अरुण जैन, नरेंद्र जैन, मनोज जैन, राजेंद्र जैन, राजू जैन, संजीव जैन, अंकेश जैन मौजूद रहे। प्रभु की भक्ति में लगाएं ध्यान
महावीर भवन, न्यू राजा की मंडी में आचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने रविवार को हुई धर्मसभा में कहा कि ड्राइवर गाड़ी चलाते समय बात कर रहा हो या खा रहा हो, लेकिन खतरनाक मोड़ आते ही उसका सारा ध्यान एक ओर केंद्रित हो जाता है। इसी तरह जीवन में कोई खतरनाक मोड़ आ जाए तो सारा ध्यान प्रभु की भक्ति में लगा दें। सारा ध्यान प्रभु की भक्ति में लगते ही सारी समस्याओं का समाधान होना शुरू हो जाएगा। प्रेमचंद जैन, सुरेंद्र कुमार चपलावत, नरेश जैन, प्रकाश गुप्ता, उज्जवल सकलेचा, मुकेश जैन, संदेश जैन आदि मौजूद रहे।