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आगरा में नहीं रुक रहा बुखार का कहर, ग्रामीण अंचल में बुखार से छह और की मौत, मौतों का आंकड़ा 50 पर पहुंचा

कुआंखेड़ा में दो श्यामो मलपुरा लादूखेड़ा और खेड़ा राठौर में एक-एक की मौत। स्वास्थ्य विभाग की कोशिशें नहीं हो पा रहीं सफल। बुखार से बच्चों की मौत ज्यादा। पिनाहट क्षेत्र में अब तक 32 बरहन में 14 और कुआंखेड़ा में चार की बुखार से मौत हो चुकी है।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 03:41 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 03:41 PM (IST)
आगरा में नहीं रुक रहा बुखार का कहर, ग्रामीण अंचल में बुखार से छह और की मौत, मौतों का आंकड़ा 50 पर पहुंचा
आगरा में बुखार से अब तक करीब 50 लोग दम तोड़ चुके हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। बुखार और डेंगू का प्रकोप देहात में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। देहात में बड़ी संख्या में बच्चे बीमार हैं।स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशें भी इस बुखार को रोकने में असफल साबित हो रही हैं। बुखार से पिछले 24 घंटों में छह और की जान चली गई। इनमें पांच बच्चे व एक किशोर शामिल है। पिनाहट क्षेत्र में अब तक 32, बरहन में 14 और कुआंखेड़ा में चार की बुखार से मौत हो चुकी है।

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जितनी तेजी से बुखार फैला हुआ है, उससे लोग भयभीत हैं। कई गांवों में मौतों का सन्नाटा पसरा हुआ है। बच्चों की लगातार हो रही मौत से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। गांवों में कैंप लगाए जा रहे हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है। बुखार को रहस्यमयी कहा जा रहा है क्योंकि इसके लक्षण वायरल बुखार से अलग हैं। यह बुखार ठीक होने में 15 दिन का समय ले रहा है।

तीन क्षेत्रों में प्रकोप ज्यादा

बुखार का प्रकोप बाह, पिनाहट और बरहन में सबसे ज्यादा है। सबसे ज्यादा मौतें भी इन्हीं तीन क्षेत्रों में हुई हैं। इसके अलावा खंदौली, डौकी, फतेहाबाद, शमसाबाद, धनौली, फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के गांवों में बच्चे काफी बड़ी संख्या में बीमार हैं। पिनाहट क्षेत्र में अब तक बुखार से कुल 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 30 बच्चे हैं।

शनिवार को भी नहीं हुआ स्थिति में सुधार

बरौली अहीर के गांव कुआंखेड़ा निवासी बिजेंद्र सिंह के 14 वर्षीय बेटे हरिकेश की चार दिन पूर्व तबियत खराब हुई थी। स्वजन ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सक ने हरिकेश को डेंगू बताया था। शुक्रवार दोपहर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इसी गांव के मुकेश यादव के चार वर्षीय बेटे नमन को दो दिन से बुखार था। निजी अस्पताल के चिकित्सक ने उसे डेंगू बताया था। शुक्रवार को नमन ने दम तोड़ दिया। इसी गांव में नौ अक्टूबर को आठ वर्षीय आर्यन पुत्र उमेश और 10 अक्टूबर को 14 वर्षीय जाह्नवी पुत्री पिंटू की मौत हो चुकी है। श्यामो निवासी राजकुमार की छह वर्षीय बेटी रोशनी को चार दिन पहले बुखार आया था। स्वजन ने झोलाछाप से इलाज कराया। शुक्रवार को तबियत बिगड़ने पर स्वजन रोशनी को अस्पताल ले जा रहे थे तभी उसकी मौत हो गई। मलपुरा कस्बा निवासी शाहरुख के एक वर्षीय बेटे तौफीक को कई दिन से बुखार था। निजी अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को तौफीक ने दम तोड़ दिया। सैंया के गांव लादूखेड़ा निवासी मुकेश की छह माह की बेटी परिधि को तीन दिन पहले बुखार आया था। उसका इलाज चल रहा था। गुरुवार देर रात परिधि की मौत हो गई। खेड़ा राठौर के गांव पुरा गुमान सिंह में कुलदीप के नौ वर्षीय बेटे बलवीर की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। उसे एक सप्ताह से बुखार था। स्वजन ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। चिकित्सकों ने उसे आगरा रेफर कर दिया था। शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

बत्तीसा गांव में कई बीमार

बरौली अहीर के गांव बत्तीसा में वायरल बुखार से कई बीमार हैं। ग्रामीणों का कहना है कि 50 से अधिक लोगों को तेज बुखार है। इनमें राकेश, उपेंद्र, मुकेश, सुशील, प्रियंका, पारुल, प्रवेश, ललिता, सुरेंद्र, श्रीके, गुड़िया, आरती, सत्यवान और शीला देवी शामिल हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डाॅ. अजय विक्रम सिंह ने बताया कि गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर परीक्षण कर दवाएं बांटी जाएंगी।


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