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Tweet of Keshav: सूबे में सरकार बनते ही पड़ गई थी 'मथुरा की बारी' की नींव, हवा डिप्‍टी सीएम ने दी

भाजपा ने उत्‍तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद ही घोषित कर दिए थे ब्रज में तीर्थस्थल। सीएम की सक्रियता ने पहले ही जगाई थी संत-महंतों में उम्मीद। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के क्षेत्र को भी तीर्थस्थल घोषित करने की मांग सीएम ने इसी साल दस सितंबर को पूरी की।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 05:43 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 05:43 PM (IST)
Tweet of Keshav: सूबे में सरकार बनते ही पड़ गई थी 'मथुरा की बारी' की नींव, हवा डिप्‍टी सीएम ने दी
रात में जगमग मथुरा में श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि परिसर। फाइल फोटो

आगरा, विनीत मिश्र। अयोध्या और काशी में मंदिर निर्माण जारी है, अब मथुरा की बारी है। भले ही उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट ने भले ही विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी हलचल बढ़ा दी है, लेकिन हकीकत तो ये है कि सूबे में भाजपा की सरकार बनते ही इसकी नींव पड़ गई थी। सत्ता संभालते ही सीएम योगी ने कान्हा की नगरी को प्राथमिकता देकर इसके संकेत भी दिए। साढ़े चार साल में आठ स्थलों को तीर्थस्थल घोषित किया।

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वर्ष 2017 में सूबे में योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभाली, तो धर्म नगरी के संत-महंतों को उनसे उम्मीद जागी। जिन स्थलों पर कन्हैया ने लीलाएं की, उन्हें तीर्थस्थल घोषित करने की वर्षों पुरानी मांग पर मुहर लगाने की शुरुआत सीएम योगी ने अक्टूबर 2017 से की। उन्होंने पहले बांकेबिहारी के वृंदावन और राधारानी के बरसाना को तीर्थस्थल घोषित किया। इसी के साथ ब्रजवासियों की उम्मीदें भी परवान चढ़ीं। मार्च 2018 में फिर ब्रजवासियों को नया तोहफा दिया गोवर्धन, राधाकुंड, नंदगांव, गोकुल और बलदेव को भी तीर्थस्थल घोषित कर दिया गया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के क्षेत्र को भी तीर्थस्थल घोषित करने की मांग सीएम ने इसी साल दस सितंबर को पूरी की। जन्मस्थान के आसपास का दस वर्ग किमी का एरिया भी उन्होंने तीर्थस्थल घोषित किया। बाद में मांग पर चार अन्य वार्डों को भी तीर्थस्थल में शामिल करने का आश्वासन भी दिया। यहां मांस-मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 425 करोड़ रुपये से ब्रज के तीर्थस्थलों का विकास शुरू हुआ। सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार की मथुरा पर मेहरबानी से पहले भी संकेत मिलने लगे थे, लेकिन अब डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट ने इसे और हवा दे दी है।

17 बार मथुरा आगमन, चार बार जन्मस्थान में दर्शन

ये भी 'मथुरा की बारी' का मजबूत संकेत माना जा रहा है कि सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ 17 बार मथुरा आए। चार बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचकर आराध्य के दर्शन किए।

पहली बार चार सीटें पाईं भाजपा ने

कान्हा की नगरी में पहली बार भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है। ऐसा पहली बार हुआ कि विधानसभा चुनाव में पांच में से चार सीटें भाजपा की झोली में आई हैं। मथुरा-वृंदावन से श्रीकांत शर्मा, छाता से चौधरी लक्ष्मी नारायण, गोवर्धन से कारिंदा सिंह, बलदेव से पूरन प्रकाश विजयी रहे। श्रीकांत शर्मा को ऊर्जा मंत्री और चौधरी लक्ष्मी नारायण को दुग्ध विकास विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट आज भी शाही मस्जिद ईदगाह समेत पूरी 13.37 एकड़ भूमि का नगर निगम को टैक्स दे रहा है। राजस्व विभाग अभिलेखों में पूरी जमीन का मालिक भी ट्रस्ट ही है। जिन लोगों ने 1968 में समझौता किया था, उन्हें समझौता करने का अधिकार नहीं था। ऐसे में मुस्लिम पक्ष को आगे आकर खुद ही जमीन ट्रस्ट को सौंप देनी चाहिए। गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, सदस्य, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान।


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