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अपनाएं ये तरीका तो सब्जियों में भी मिलेगी शुद्धता, घर पर बागवानी के जानिये आसान तरीके

गमलों और प्लास्टिक की क्यारी बनाकर उगाएं सब्जियां। ब्रोकली और चुकंदर भी अब घर में ही उगा रहे लोग।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 02:21 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 02:21 PM (IST)
अपनाएं ये तरीका तो सब्जियों में भी मिलेगी शुद्धता, घर पर बागवानी के जानिये आसान तरीके

आगरा, जागरण संवाददाता। बाजार में मिलने वाली अधिकांश सब्जियों में उर्वरक और रसायन की अधिकता होती है। इस कारण इनका स्वाद लगातार बिगड़ता जा रहा है। लोग जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। घर की छत और गमले इसके लिए बेहतर विकल्प हैं। वे घर में ही साग-सब्जियों को उगा सकते हैं।

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अब लोग घर की छत का उपयोग बागवानी के लिए करने लगे हैं। प्लास्टिक की क्यारियां बनाकर उन्हें लोहे के स्टैंड पर रख दिया जाता है। गमले और प्लास्टिक ट्रे में सब्जी उगाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा आप खराब बाल्टियां, तेल के पीपे, लकड़ी की पटरियां आदि भी उपयोग कर सकते हैं। बस उनके नीचे दो या चार छेद कर पानी की निकासी की व्यवस्था जरूर कर दें। गमलों में टमाटर, बैंगन, गोभी, चुकंदर, ब्रोकली आदि सब्जियां उगाई जा सकती है। टिन या प्लास्टिक ट्रे जिसमें तीन से पांच इंच तक मिïट्टी आती हो उसमें हरा धनिया, मेथी, पुदीना आदि उगा सकते हैं।

छत पर ऐसे करें बागवानी

सब्जियां उगाने से पहले छत पर मोटी प्लास्टिक की चादर बिछा दें। ईटों या लकड़ी के पटरों से चहारदीवारी बनाएं। सामान रूप से मिट्टी बिछा दें और पानी की निकासी की व्यवस्था रखें। 

बाहर से सब्जी नहीं खरीदते

दयालबाग स्थित पुष्पांजलि गार्डन निवासी रेनू मुस्कान ने बताया कि उन्होंने घर की छत पर ब्रोकली, गाजर, पत्तागोभी, टमाटर, आलू, शलजम आदि सब्जियां उगा रखी हैं। सीजन में वह घर की सब्जियों का ही उपयोग करती है।

घर में कौन-कौन सी सब्जी लगा सकते हैं

रबी की सब्जियां

सितंबर-अक्टूबर में फूल गोभी, पत्तागोभी, बैंगन, शलजम, मूली, गाजर, टमाटर, मटर, सरसों, प्याज, लहसुन, पालक, मेथी, आदि।     

खरीफ की सब्जियां

खरीफ का समय जून-जुलाई है। इसमें भिंडी, मिर्च, लोबिया, अरबी, टमाटर, करेला, लौकी, शकरकंद आदि।

घर में बागवानी में बरतें सावधानी

- जड़ वाली सब्जियों को मेड़ों पर उगाएं।

- पौधों की देखभाल और आने-जाने को रास्ते बनाएं।

- कीटनाशकों व रोगनाशक रसायनों का प्रयोग कम करें।

- अगर बंदरों का उत्पात है तो लोहे के जाल से छत को चारों तरह से कवर्ड कर दें।

- घर के पिछले हिस्से में ऐसी जगह का चुनाव करें जहां सूरज की रोशनी पहुंचती हो। पौधों को रोज 5-6 घंटे सूरज की रोशनी मिलना जरूरी है।

- बगीचे के एक किनारे पर खाद का गड्ढा बनाएं जिसमें घर का कचरा, पौधों का अवशेष डाला जा सके जो बाद मे खाद के रूप मे प्रयोग हो सके।


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