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जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग, 26 और बंदियों को भेजा जा रहा आगरा सेंट्रल जेल

17 अक्टूबर को भेजे गए थे आगरा की सेंट्रल जेल में 15 बंदी। पाक अधिकृत कश्मीर के भी दो बंदी हैं यहां निरुद्ध। राज्य विरोधी ताकतों को जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा लोक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 09:06 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 09:06 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग, 26 और बंदियों को भेजा जा रहा आगरा सेंट्रल जेल
जम्‍मू कश्‍मीर से 26 बंदियों को आगरा सेंट्रल जेल लाया जा रहा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर की जेलों से 26 और बंदियों आगरा केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित करने की तैयारी है। इन बंदियों के यहा भेजने की जानकारी जेल प्रशासन के अधिकारियों को दे दी गई है। पांच दिन पहले ही 15 बंदियों कश्मीरी बंदियों को यहां दाखिल किया गया है। इधर जेल की सुरक्षा भी बढ़ाई जा रही है।

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जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के चलते वहां सख्ती बढ़ा दी गई है। राज्य विरोधी ताकतों को जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा लोक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है। इन बंदियों को दूसरे राज्यों की जेलों में स्थानांतरित किया जा रहा है। जिसके तहत 17 अक्टूबर को 15 कश्मीरी बंदियों को आगरा केंद्रीय कारागार भेजा गया था। इन बंदियों के आने से पहले यहां पर पाक अधिकृत कश्मीर के भी दो बंदी निरुद्ध हैं। जिन्हें हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है।

हाई सिक्योरिटी सेल में पहले से ही बंदी निरुद्ध हैं। जिसके चलते 17 अक्टूबर काे यहां भेजे गए बंदियों को विशेष बैरक में रखा गया है। जम्मू-कश्मीर शासन द्वारा 26 और बंदियों को आगरा केंद्रीय कारागार भेजने की सूचना भेजी गई है। इन नए बंदियों को भी विशेष बैरक में रखा जाएगा। वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वीके सिंह ने बताया 26 और कश्मीरी बंदियों के यहां भेजने की जानकारी मिली है।

सितंबर 2019 में भेजे गए थे कश्मीरी बंदी

जम्मू-कश्मीर से बंदियों को भेजने का सिलसिला 2019 से जारी है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां सक्रिय अलगाववादी लोगों को तत्कालीन सरकार ने गिरफ्तार किया था।इनमें 80 से ज्यादा बंदियाें को विशेष विमान से आगरा सेंट्रल जेल भेजा गया था। इन सभी बंदियों को भी लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। बंदियों को यहां रखने के दौरान जेल परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए पीएसी तैनात की गई थी। इसके साथ ही तारों की बाड़ भी लगाई गई थी।


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