मैच का रोमांच: विराट सेना की जीत को आगरा की मीनू खान का रोजा Agra News
2008 से भारत-पाक मैच में फतेह के लिए इबादत करती हैं मीनू। बोलीं सुनेंगे अल्लाह फतेह करेगी टीम इंडिया।
आगरा, विनीत मिश्र। अब तो बस एक वरक तेरा-मेरा ईमान हो/ एक तरफ गीता हो जिसमें, एक तरफ कुरान हो/ काश, ऐसी भी मोहब्बत हो अभी इस देश में/ मेरा घर रोजा रखे, जब तेरे घर रमजान हो - प्रख्यात गीतकार स्वर्गीय गोपाल दास नीरज ने सियासी हवाओं से दूर मोहब्बत का पैगाम देने वाली ये पंक्तियां यूं ही नहीं गढ़ीं। अपने मुल्क की सलामती के लिए यहां मजहबी दीवारें पारदर्शी हो जाती हैं। 45 बरस की मीनू खान के दिल और दिमाग में इस कदर ङ्क्षहदुस्तान बसता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेटिया टकराव हो या देश के लिए कोई दूसरा अहम दिन, मीनू रोजा रखने के साथ अल्लाह की इबादत में लीन हो जाती हैं। रविवार को जब पूरा देश क्रिकेट के बुखार में तप रहा होगा तब मीनू भी रोजा रख मैनचेस्टर में विराट सेना की विजय की दुआ कर रही होंगी।
इंटर तक पढ़ी मीनू खान आगरा कैंट की रेलवे कॉलोनी में रहती हैं। पति मोहम्मद कामिल रेलवे हॉस्पिटल में कार्यालय अधीक्षक हैं। उनका निकाह तो कामिल खान से कोई 27 बरस पहले हुआ पर वे बचपन में ही देश को दिल दे बैठीं। श्वसुर नन्हें खान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, इसलिए ससुराल में भी देशभक्ति की चादर पहले से तनी थी। एक दिन मन में आया कि क्यों न अल्लाह की इबादत कर मुल्क की सलामती की दुआ की जाए।
बात वर्ष 2008 की है। भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होना था। पूरे देश की धड़कनें बढ़ी हुई थीं। मीनू ने रोजा रखकर भारत की जीत की दुआ की और यह दुआ कुबूल भी हो गई। पूरे देश के साथ मीनू ने भी जश्न मनाया और तब से पाकिस्तान से होने वाले हर मुकाबले के दौरान वह रोजा रखने लगीं। रविवार को फिर विश्वकप में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे। मीनू सहरी के साथ रोजा शुरू करेंगी इफ्तार के साथ रोजा खत्म होगा। दिन में घर में इबादत होगी, भारत की जीत के लिए। उन्हें यकीन है कि अल्लाह उनकी फरियाद सुनेंगे और भारत जरूर जीतेगा।
देश के लिए तरक्की को भी दुआ
बात किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रधानमंत्री के विदेश दौरे की हो या फिर किसी भी मुल्क के साथ भारत की तरक्की की बात चल रही हो। उस अहम दिन मीनू खान रोजा रखती हैं, ताकि अल्लाह उनकी सुनें और मुल्क की तरक्की की राह खोलें।
...और टाल दी बेटे के सगुन की रस्म
ये देश के प्रति प्यार ही है कि 14 फरवरी का वह मनहूस दिन, जब आतंकियों के हमले में सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे, उस दिन मीनू के बेटे आजम की शादी की सगुन रस्म थी। पूरा परिवार रस्म के लिए लड़की वालों के घर ताजनगरी फेज-टू पहुंचा। रस्म शुरू होने ही वाली थी कि दोपहर बाद अचानक पुलवामा हमले में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों की शहादत की खबर आई। इस खबर ने मीनू को अंदर तक तोड़ दिया। उन्हें सगुन की रस्म टाल दी। लड़की वालों ने बहुत मनाया, लेकिन साफ कह दिया, आज हमारे देश ने बहुत बड़ा बलिदान दिया है, आज घड़ी खुशियां मनाने की नहीं है। सगुन की तारीख बाद में तय होगी। बिना रस्म किए परिवार लौट आया। मीनू बताती हैं कि बेटे की सगुन की रस्म के लिए नई तारीख तय की जा रही है।
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