Move to Jagran APP

Board Exam: तैयारी की टेंशन में न भूलें देना डाइट को अटेंशन Agra News

आठ घंटे की नींद और संतुलित आहार है सफलता की कुंजी। अभिभावक बच्चों को दें हल्का आहार तनाव से रहें मुक्त।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 02:45 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 07:32 PM (IST)
Board Exam: तैयारी की टेंशन में न भूलें देना डाइट को अटेंशन Agra News
Board Exam: तैयारी की टेंशन में न भूलें देना डाइट को अटेंशन Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। आइसीएसई, यूपी और सीबीएसई, एक के बाद दूसरे बोर्ड की परीक्षा शुरू होने वाली हैं। ऐसे में परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की डाइट का ख्याल रखना किसी चुनौती से कम नहीं। सीमित समय में ज्यादा तैयारी और नींद से बचने के लिए बच्चे खाना-पीना सब त्याग देते हैं, परीक्षा का तनाव अलग हावी हो जाता है। लिहाजा अभिभावकों की भूमिका कई गुना बढ़ जाती है। इन समस्याओं को व्यवस्थित दिनचर्या से तनाव मुक्त रखने के साथ बच्चे को स्फूर्ति से भर सकती है। साथ ही एकाग्रता भी बढ़ाता है, जिससे आपके अच्छे अंक लाने की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं।

loksabha election banner

मम्मी मुझे भूख नहीं है, आप डिस्टर्ब मत करो, मुझे पढऩे दो प्लीज....खाने में भला ऐसे नखरे किस बच्चे के नहीं होते। लेकिन परीक्षाओं के दौरान बच्चे सिर्फ पढाई में ही एकाग्रता दिखाते हैं और खानपान को नजरअंदाज कर देते हैं। आहार विशेषज्ञ मनोज वर्मा के अनुसार बच्चों का खानपान के प्रति बढऩे वाला नखरीला स्वभाव उन्हें पूर्ण आहार से वंचित रख सकता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि उनके शारीरिक और दिमाग के विकास के लिए उन्हें भरपूर आहार मिले। खासकर, जब बात बोर्ड परीक्षाओं की हो रही हो। ऐसे समय में उन्हें इस तरह की डाइट दी जानी चाहिए, जो उनका स्ट्रेस तो दूर करे ही, उन्हें भरपूर ऊर्जा भी प्रदान करे।

ऐसे तय करें डाइट चार्ट

ब्रेकफस्ट

ब्रेकफस्ट में रोजाना पौष्टिक और हल्का आहार दें, ताकि पढ़ाई के दौरान सुस्ती न आए। इसमें कॉर्नफ्लेक्स, ओट्स, दलिया, अंडे, पोहा आदि अच्छे विकल्प हैं। साथ ही दिन में दो ग्लास दूध पीना भी जरूरी है। ब्रेकफस्ट और लंच के बीच में फल या सैलेड का सेवन किया जा सकता है। इससे पेट भी भरा रहेगा और पढ़ाई में मन भी लगेगा।

लंच

दोपहर में दो बजे तक भोजन जरूर कर लें। लंच में दाल-चावल, सब्जी-रोटी और दही का सेवन करें। खाने के तुरंत बाद पढऩे न बैठें। कम से कम 15-20 मिनट की वॉक करें, ताकि पेट संबंधी तकलीफों से बचें।

स्नैक्स

शाम के समय थकान कम करने को गर्म दूध या कम पत्ती वाली चाय का सेवन करें। साथ में थोड़ा टोस्ट, बिस्किट, स्प्राउट्स और होल व्हीट ब्राउन ब्रेड, पीनट बटर या नॉर्मल बटर ले सकते हैं।

डिनर

रात को खाना हल्का व कम मसालेदार हो। अधिक मसालेदार, तला-भुना खाना बच्चों के लिए नुकसानदेह होता है। खाना खाने के बाद जरूर टहलें। आठ घंटे की नींद जरूर लें। नींद की कमी से थकान, कमजोरी, सिर दर्द व आलस्य महसूस हो सकता है।

इन्हें भी करें शामिल

कार्बोहाइड्रेट और वसा

बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जिस ऊर्जा और कैलरी की जरूरत होती है, उसकी पूर्ति कार्बोहाइड्रेट से होती है। स्कूली उम्र में बच्चे तेजी से विकास करते हैं, जिससे उनको भूख भी ज्य़ादा लगती है और भरपूर खाना खाने से पढाई में भी उनका दिमाग लगता है।

प्रोटीन की कमी करे दिमाग कमजोर

प्रोटीन शरीर के ऊतकों को बनाने, उनका रखरखाव और मरम्मत करने में सहायता करता है। प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों की जरूरत विशेषकर तेजी से बढ रहे बच्चों को होती है। पढाई करते समय बच्चे की मानसिक शक्ति और दिमागी क्षमता को बनाए रखने और उसे बढाने के लिए प्रोटीन जरूरी है। प्रोटीन की ज्य़ादा मात्रा दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स, दाल, अंडे, मछली, मांस में होती है। रोजाना अपने बच्चे को प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

विटमिन सही मात्रा में लेना जरूरी

विटमिन और खनिज शरीर की स्वस्थ वृद्घि और विकास को बढावा देते हैं। आयरन और कैल्शियम बच्चों के लिए बहुत आवश्यक हैं। बच्चों की मानसिक और शारीरिक ग्रोथ में हड्डियां और दांत मजबूत करने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। दूध और दूध से बने पदार्थ और एक हद तक हरी-पत्तीदार सब्जियां भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। बच्चों में विटमिन की कमी उन्हें मंदबुद्घि भी बना सकती है। जिस वजह से सरल से सरल बातें याद रखना भी मुश्किल हो सकता है, जिसका दुष्परिणाम सीधा परीक्षा पर पड सकता है। किशोरावस्था में बच्चे की कैल्शियम की पूर्ति केवल खाने से ही पूरी नहीं होती, बल्कि उन्हें अतिरिक्त कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने की भी जरूरत पड सकती है।

आयरन बढाता है ध्यान और एकाग्रता

आयरन खून के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है। भारत में स्त्रियों और बच्चों में आयरन की कमी एक आम समस्या है। आयरन खून बनाने के अलावा ध्यान और एकाग्रता को सुधारने में भी सहयोग करता है। परीक्षा के दौरान एकाग्रता बहुत जरूरी होती है। मांस, अंडा, हरी- पत्तेदार सब्जी, आयरन के अच्छे स्रोत हैं। जब विटमिन सी से भरपूर भोजन ग्रहण करते हैं तो उस शाकाहारी खाने में आयरन की मात्रा ज्य़ादा होती है।

फल, सब्जियां भरे पेट

फल और सब्जियों में विटमिन और खनिज की मात्रा ज्य़ादा होती है। यह स्वस्थ त्वचा, अच्छी ग्रोथ, विकास और संक्रमण से लडऩे के लिए आवश्यक हैं। सब्जियों में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। साथ ही इनमें विटमिन ए, सी और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम और पोटैशियम भी पाया जाता है। सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं, जो बच्चों के शरीर को बीमारियों से लडऩे की शक्ति प्रदान करते हैं। साबुत अनाज, मांस और डेयरी प्रोडक्ट्स में विटमिन बी की बहुतायत होती है। फलों में भी फाइबर, विटमिन विशेषकर ए, सी और पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है। सब्जियों की तरह फलों में भी एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कि बीमारियों से लडऩे में सहायता करते हैं और बाद में कैंसर और दिल की बीमारियों जैसे खतरों को भी कम करते हैं। पढाई करते समय कुछ-कुछ समय पर बच्चों को फल, स्प्राउट्स, सैलेड और हेल्दी स्नैक्स देते रहना चाहिए। इससे उनका पेट भरा रहेगा और शरीर को पूर्ण आहार मिलता रहेगा। इससे उनकी सुस्ती दूर होगी और भरपूर ऊर्जा भी मिलेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.