TajMahal in Agra: 151 दिन से नहीं खुले दरवाजे, 'वाह' सुनने को तरसा ताज
Tajmahal in Agra17 मार्च से आगरा में बंद चल रहे हैं सभी स्मारक। पर्यटन कारोबार है ठप होटल रेस्टोरेंट व एंपोरियम बंद।
आगरा, निर्लोष कुमार। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल 151 दिनों से कद्रदानों की 'वाह' सुनने को बेकरार है। जहां कभी ताज के सौंदर्य का गुणगान करते सैलानियों के झुंड नजर आते थे, वहां आज वीरानगी है। इसे तोड़ती है तो केवल सुरक्षाकर्मियों के कदमों की आहट। ताजमहल की बंदी से पर्यटन कारोबार पूरा ठप है और होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट और एंपोरियम बंद चल रहे हैं।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने 17 मार्च से देशभर के सभी स्मारकों को कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए बंद कर दिया था। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन आगरा में सभी होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट और एंपोरियम बंद हो गए थे। तभी से यह बंद चल रहे हैं। छह जुलाई को देश में सभी संरक्षित स्मारक खुल गए, लेकिन आगरा में जिला प्रशासन द्वारा स्मारकों को खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। स्मारकों की बंदी के चलते यहां पर्यटक नहीं आ रहे। ताजमहल की बंदी के चलते पूरे देश का पर्यटन उद्याेग प्रभावित है।
तीसरी बार बंद हुआ है ताजमहल
ताजमहल एएसआइ द्वारा संरक्षित घोषित किए जाने के बाद से तीसरी बार बंद हुआ है। इससे पूर्व भारत-पाक युद्ध, 1971 के दौरान ताजमहल चार से 18 दिसंबर तक 15 दिन बंद रहा था। सितंबर, 1978 में यमुना में बाढ़ के चलते इसे सात दिन के लिए बंद किया गय था। कोविड-19 के चलते शुक्रवार को ताज की बंदी के 151 दिन पूरे हो गए। यह सबसे लंबी ताजमहल की बंदी है। वहीं अन्य स्मारक पहली बार बंद हुए हैं।
इसे विडंबना ही कहेंगे कि देश में सभी जगह स्मारक खुलने के बावजूद आगरा में स्मारकों को खोला नहीं गया है। बाजारों में अधिक भीड़ है आैर कहीं गाइडलाइन का पालन नहीं हाे रहा। पांच माह से स्मारक बंद होने से पर्यटन कारोबार पूरी तरह चौपट पड़ा है।
-सुनील गुप्ता, चेयरमैन नोर्दर्न रीजन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स
ताजमहल के लिए एएसआइ द्वारा एसओपी जारी करने के साथ कैरिंग कैपेसिटी लागू की जा चुकी है। इस स्थिति में फ्लाइट, ट्रेन की शुरुआत के साथ पर्यटकों को वीजा आदि देने की शुरुआत कर देनी चाहिए, जिससे कि वो भविष्य के लिए अपना टूर प्लान कर सकें।
-संदीप अरोड़ा, अध्यक्ष आगरा टूरिज्म डवलपमेंट फाउंडेशन