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CoronaVirus: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी है तो रोजाना करें सूर्य नमस्कार, बचे रहेंगे कोरोना वायरस संक्रमण से भी

रोजाना सिर्फ 10 मिनट स्वयं को देकर आप कोरोना वायरस को भी हरा सकते हैं। सूर्य नमस्कार से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह योगासन व प्राणायाम के बीच का संयोग है जिससे शरीर लचीला होता है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 09:20 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 09:20 AM (IST)
CoronaVirus: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी है तो रोजाना करें सूर्य नमस्कार, बचे रहेंगे कोरोना वायरस संक्रमण से भी
सूर्य नमस्‍कार से व्‍यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण जैसी विषम परिस्थितियों में योग हमें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, साथ ही शरीर में लचीलापन भी आता है। इसलिए व्यायाम के साथ सूर्य नमस्कार जैसे सूक्ष्म योग रोजाना अवश्य करें। यह कहना है योगाचार्य मोहित वर्मा का।

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उन्होंने बताया कि रोजाना सिर्फ 10 मिनट स्वयं को देकर आप कोरोना को भी हरा सकते हैं। सूर्य नमस्कार से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह योगासन व प्राणायाम के बीच का संयोग है, जिससे शरीर लचीला होता है। इसमें 12 मुद्रा व योग हैं, जो शरीर में आक्सीजन संचार बढ़ाता है और ब्लड प्रेशर ठीक रखता है।

ऐसे करें सूर्यनमस्कार

सूर्यनमस्कार की 12 मुद्राएं होती हैं। सर्वप्रथम प्रणाम आसन, जिसमें नमस्कार की स्थिति होती है। हस्तोत्तानासन इसमें दोनों हाथ ऊपर की ओर आसमान को खींचते हुए दृष्टि ऊपर की ओर होती है।तीसरा हस्त पादासन, इसमें दोनों हाथ नीचे की ओर जमीन को स्पर्श करते हैं व मस्तक घुटनों को स्पर्श करता है। चौथी मुद्रा है अश्व संचालन आसन, इसमें एक पैर पीछे की ओर होता है, दृष्टि सामने व मस्तक घुटने से लगा होता है। पांचवीं मुद्रा दंडासन की है, इसमें दोनों पैर पीछे, दोनों हाथों पर समान वजन दृष्टि सामने होती है। छठवीं मुद्रा अष्टांग नमस्कार की है, जिसमें घुटना सीना और मस्तक जमीन को स्पर्श करता है।

सातवीं मुद्रा है भुजंगासन, इसमें शरीर को सिर्फ की ऊपर की ओर आगे उठाते हुए आसमान में देखना होता है,कमर को बीच से थोड़ा सा मोड़कर। आठवीं मुद्रा है पर्वतासन, इसमें दोनों पैरों के बीच से आसमान देखना होता है। नौंवा है अश्व संचालन आसन, दसवीं मुद्रा हस्त पादासन, 11वीं मुद्रा हस्तो पादासन और 12वीं व अंतिम मुद्रा ताड़ासन की है। इससे शरीर में गरिष्ठता आती है और फेफड़ों को मजबूत करने में लाभ प्राप्त होता है। शरीर के विभिन्न अंगों में विभिन्न रोगों से छुटकारा दिलाता है। सूर्य नमस्कार की क्रिया करने से रोगों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है वह ऐसी विषम परिस्थितियों मैं यह बहुत उपयोगी साबित है।


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