Suryagrahan 2020: सूर्य ग्रहण पर इस दिन बनेंगे दो दुर्लभ संयोग, जानें कितने बजे होगा शुरू, कहां- कहां दिखेगा ?
Suryagrahan 2020 21 जून को सूर्य ग्रहण दिन में 916 बजे शुरू होगा। इसका चरम दोपहर 1210 बजे होगा। मोक्ष दोपहर में 304 बजे होगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। इस बार साल के सबसे बड़े दिन 21 जून को दुर्लभ खगोलीय घटना होगी। रविवार आषाढ़ अमावस्या को वलयाकार सूर्य ग्रहण लगेगा। इसे कंकणाकार ग्रहण भी कहते हैं। यह सूर्य ग्रहण देश के कुछ भागों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण भी होगा। ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार 21 जून को सूर्य ग्रहण दिन में 9:16 बजे शुरू होगा। इसका चरम दोपहर 12:10 बजे होगा। मोक्ष दोपहर में 3:04 बजे होगा। सूतक काल 20 जून शनिवार रात 9:15 बजे से शुरू हो जायेगा। इसी के साथ शहर के मठ- मंदिर के पट भी बंद हो जाएंगे।
दो बड़ी खगोलीय घटनाएं होंगी
डॉ शोनू कहती हैं कि 21 जून को दो बड़ी खगोलीय घटनाएं होंगी। दुर्लभ ग्रह स्थिति में सूर्य ग्रहण होगा। 6 ग्रह वक्री रहेंगे, 500 सालों में ऐसी स्थिति नहीं बनी, साथ ही साल का सबसे बड़ा दिन भी होगा। सदी का ऐसा दूसरा सूर्य ग्रहण जो 21 जून को होने वाला है। इसके साथ- साथ दो बड़ी खगोलीय घटनाएं होंगी। कर्क रेखा पर सूर्य होगा और ग्रहण 12 में से 8 राशियों के लिए अशुभ रहेगा इसमें सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा इस तरह आ जाएगा कि सूर्य का आधे से ज्यादा हिस्सा छिप जाएगा और कंगन की तरह दिखाई देगा। इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है।
दूसरी घटना, 21 को ही सूर्य कर्क रेखा के ठीक ऊपर आ जाएगा। जिससे ये साल का सबसे बड़ा दिन भी होगा। ये सदी का दूसरा ऐसा सूर्यग्रहण है, जो 21 जून को हो रहा है। इससे पहले 2001 में 21 जून को सूर्य ग्रहण हुआ था।
छह ग्रह होंगे वक्री
यह ग्रहण राहुग्रस्त है। मिथुन राशि में राहु सूर्य-चंद्रमा को पीड़ित कर रहा है। मंगल जल तत्व की राशि मीन में है और मिथुन राशि के ग्रहों पर दृष्टि डाल रहा है। इस दिन बुध, गुरु, शुक्र और शनि वक्री रहेंगे। राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते है। इन 6 ग्रहों की स्थिति के कारण ये सूर्य ग्रहण और भी खास हो गया है। आगजनी, विवाद और तनाव के हालात बन सकते हैं। देश में इस ग्रहण का अशुभ असर दिखेगा। वराहमिहिर के ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिताके अनुसार इस ग्रहण पर मंगल की दृष्टि पड़ने से देश में आगजनी, विवाद और तनाव की स्थितियां बन सकती हैं। आषाढ़ महीने में ये ग्रहण होने से मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, कश्मीर और दिल्ली के पर इसका विशेष असर देखने को मिलेगा। इनके साथ ही यमुना नदी के किनारे बसे शहरों पर भी इसका अशुभ असर पड़ेगा। वहीं अफगानिस्तान और चीन के लिए भी ग्रहण अशुभ रहेगा। जोकि ग्रहण के साथ ही खत्म होगा। ये ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई, इथियोपिया और कांगो में दिखाई देगा।