अचानक पड़ा छापा तो RTO Office में मची भगदड़, कमियां आईं सामने Agra News
डीएम के निर्देश पर एडीएम सिटी और एसीएम सेकेंड पहुंचे निरीक्षण करने। कार्यालय में मची खलबली। दलाल बंद कर गए दुकानें।
आगरा, जागरण संवाददाता। आरटीओ कार्यालय सुविधा शुल्क लेने के लिए शुरू से बदनाम है। तमाम व्यवस्थाएं बदल गईं, ड्राइविंग लाइसेंस लखनऊ से बनकर आने लगे, उसके बाद भी अवैध कमाई पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। गुरुवार को आरटीओ कार्यालय में दलालों के अड्डे और अवैध वसूली की शिकायत पर प्रशासनिक अधिकारियों ने अचानक छापा मारा तो वहां भगदड़ मच गई और दलाल भाग निकले। ड्राइविंग लाइसेंस की फीस के नाम पर भी अतिरिक्त सुविधा शुल्क मांगे जाने की शिकायत सामने आईं।
दैनिक जागरण ने गुरुवार को ही आरटीओ कार्यालय में चल रही मनमानी और अवैध वसूली को लेकर समाचार प्रकाशित किया था। इसे संज्ञान लेते हुए नवागत डीएम पीएन सिंह ने अधीनस्थों को आरटीओ कार्यालय की जांच करने के निर्देश दिए। दोपहर करीब एक बजे एडीएम सिटी प्रभाकांत अवस्थी और एसीएम सेकंड बीके गुप्ता दल-बल के साथ आरटीओ कार्यालय पहुंचे तो एकदम से भगदड़ मच गई। दलाल भाग निकले। आरटीओ परिसर देखते ही देखते खाली हो गया। कार्यालय के बाहर स्थित दुकानों पर भी ताले डाल दिए गए। दोनों अधिकारियों ने लाइसेंस बनवाने के लिए आए लाइन में लगे लोगों से बातचीत की। एक-एक व्यक्ति से पूछताछ की गई। सामने आया कि राजन नामक युवक से लर्निंग लाइसेंस की फीस के नाम पर 3500 रुपये लिए गए हैं। अधिकारियों ने अन्य कमरों में भी जाकर पड़ताल की। सात नंबर काउंटर पर स्मार्ट चिप संस्था के कर्मचारी के रूप में बैठे एक बाहरी व्यक्ति निर्मल को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने उससे संस्था का पहचान पत्र मांगा तो वह कुछ नहीं दिखा सका। संस्था के सुपरवाइजर उमेश कुशवाहा से अधिकारियों ने पूछा तो वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। दोनों अधिकारियों ने आरटीओ प्रशासन ए के सिंह को मिलकर पूरे विषय पर चर्चा की।