आलू की खोदाई रोक रही परीक्षा की डगर, बच्चे नहीं आ रहे स्कूल
आलू बहुल इलाकों में परिषदीय परीक्षा का यह है हाल 30 से 50 फीसद तक बचे स्कूलों से हैं अनुपस्थित। आलू बहुल इलाकों में परिषदीय परीक्षा का यह है हाल 30 से 50 फीसद तक बचे स्कूलों से हैं अनुपस्थित।
आगरा, संदीप शर्मा। परिषदीय विद्यालयों की वार्षिक गृह परीक्षा चल रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं दूसरी ही परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। यह परीक्षा है पेट की आग और परिवार को सहारा देने की। इस कारण वार्षिक परीक्षा छोड़कर वे सुबह से ही खेतों में आलू की सफाई और बिनाई कर रहे हैं, ताकि कुछ रुपये कमाकर परिवार का सहयोग कर सकें। यह महज कुछ ही मामले हैं, लेकिन जिले के आलू बहुल इलाकों में अमूमन यही स्थिति है।
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे परिवार की गड़बड़ आर्थिक स्थिति को सुधारने के फेर में अपनी जिंदगी की महत्वपूर्ण परीक्षा में शामिल ही नहीं हो रहे। सुबह से ही परिजनों के साथ खेतों में जाकर आलू की सफाई का काम कर रहे हैं। उन्हें बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने का मलाल भी नहीं है। स्कूल में कछु ना मिलेगो, खेत में मिल रहे पईसा परीक्षा छोड़कर बरहन के खेत में काम कर रहे एक बच्चे ने बताया कि 'खेत में पईसा मिल रहे हैं, पढ़ाई ते काह होगो। मोए रोजाना दो सौ रुपिया मिल रहे, स्कूल से कछु ना मिलोगे। होरी के बाद मेला देखवे जाऊंगो। आलू के काम के बाद स्कूल जाऊंगो'। वहीं अटूस के खेत में काम कर रहे दूसरे छात्र ने बताया कि 'स्कूल जाउंगों, तो छह सात घंटा बेकार जांगे, अभई तो खेतन में काम करूंगो और रुपिया कमाऊंगो। पास तो बिना परीक्षा केऊ हो जांगे'।
हम भी हैं मजबूर, क्या करें
प्रधानाध्यापक रतन सिंह ने बताया कि आलू की खुदाई व फसल की कटाई में पैसों के लालच में बच्चे परीक्षा देने नही आ रहे हैं। परिजन भी उन्हें नहीं भेज रहे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय पनवारी की इंचार्ज ऊषा चाहर ने बताया कि करीब 15 दिनों से 30 फीसद छात्र परीक्षा देने नहीं आए। उन्हें भी पता है फेल होंगे नहीं, अगली कक्षा में स्वत: प्रवेश मिलेगा।
खंदौली में ज्यादा, सीकरी में कम
परीक्षा छोड़कर खेती मे जुटने वाले छात्रों की संख्या खंदौली में अधिक है, जबकि फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में गेहूं बहुल होने के कारण वहां अनुपस्थित ग्राफ कम है। वहीं कुछ बच्चों के परिजन भी पैसों के लालच में उन्हें उकसा कर भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
आलू की खोदाई और सफाई में लगने के कारण बच्चों का परीक्षा देने न आना गंभीर है। शिक्षकों को निर्देश देकर आवश्यक रूप से परीक्षा दिलवाई जाएगी। शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी।
आनंद प्रकाश शर्मा, बीएसए।
ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय
कचौरा में 107 में से 87 बच्चे, प्राथमिक विद्यालय। अंगनपुरा में 170 में से 136 बच्चे, पूर्व माध्यमिक विद्यालय, बबरौद में 87 मे से 60 बच्चे उपस्थित रहे।
नजारा दो, जगह: बरहन एत्मादपुर के प्राथमिक विद्यालय बरहन थर्ड में 167 में से 140, सराय जयराम में 102 में से 89, जगनपुर में 39 में से 34, जमुनीपुर में 37 में से 18, खुशहालपुर में 102 में से 62, नगला धौकल में 64 में से 36, नगला जौहरी में 56 में से 41 बच्चे ही परीक्षा देने स्कूल पहुंचे।
नजारा तीन, जगह: बाह बाह क्षेत्र में यही स्थिति थी। जूनियर हाई स्कूल, बाह में कक्षा आठ में 37 से 17, कक्षा सात में 44 में से 33 व कक्षा छह में 63 में 55 बच्चे ही परीक्षा देने पहुंचे। जबकि खेतों में कई बच्चे आलू बीनने का काम करते दिखाई दिए।
नजारा चार, जगह: एत्मादपुर ब्लॉक एत्मादपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बैनई में 60 में से 53, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बुर्जकृपा में 51 में से 39, पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढी सहजा में 62 में से 55, पूर्व माध्यमिक विद्यालय चावली में 70 में से 62, पूर्व माध्यमिक विद्यालय धरैरा में 128 में से 118 ही उपस्थित रहे। प्राथमिक विद्यालय में 163 में से 27 व प्राथमिक विद्यालय सैफुद्दीनपुर में 103 में से 74 उपस्थित रहे।
नजारा पांच, जगह: फतेहाबाद जूनियर हाईस्कूल जगराजपुर में 47 में से 34, जूनियर हाईस्कूल चर्रपुरा में 104 में से 84, प्राथमिक विद्यालय दुर्जीपुरा में 65 में से 48, प्राथमिक विद्यालय काशीरामपुरा में 15 में से सिर्फ तीन ही छात्र परीक्षा देने पहुंचे। जबकि सिर्फ प्राथमिक विद्यालय धारापुरा में ही सभी बच्चे मौजूद मिले।
नजारा छह, जगह: फतेहपुर सीकरी फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में बच्चों की परीक्षा से अनुपस्थित बच्चों का आंकड़ा करीब 20 फीसद रहा। पालिका क्षेत्र में कन्या प्राथमिक विद्यालय में 175 145, कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 43 में से 30 व पूर्व माध्यमिक विद्यालय बालक में 50 में से 26 बच्चे ही परीक्षा देने पहुंचे।
नजारा सात, जगह: बिचपुरी बिचपुरी ब्लॉक के गांव पनवारी स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 24 में से 19, प्राथमिक विद्यालय पनवारी में 128 में से 100, जबकि पूर्व माध्यमिक विद्यालय अटूस में 37 में से 27 और प्राथमिक विद्यालय अटूस में 85 में से 73 ही बच्चे ही उपस्थित थे।