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बंदरों का ऐसा खौफ, स्कूल जाने से कतराने लगे हैं बच्चे Agra News

प्राचीन माईथान के प्राथमिक स्कूल में बंदरों की दहशत हमले में घायल हो चुके हैं बच्चे और शिक्षिकाएं।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 10:49 AM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 10:49 AM (IST)
बंदरों का ऐसा खौफ, स्कूल जाने से कतराने लगे हैं बच्चे Agra News
बंदरों का ऐसा खौफ, स्कूल जाने से कतराने लगे हैं बच्चे Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। कहने को ये प्राथमिक स्कूल है, लेकिन यहां बंदरों की इतनी दहशत है कि उनके खौफ में बच्चे स्कूल तक नहीं आते। जालीदार दरवाजों में कैद बच्चों पर अक्सर पढ़ाई के दौरान बंदर हमला कर देते हैं। स्कूल आते और जाते समय डंडा लेकर बंदरों को भगाना पड़ता है, तब बच्चे निकल पाते हैं।

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हम प्राचीन माईथान के प्राथमिक स्कूल की बात कर रहे हैं। इस विद्यालय में 46 बच्चे पंजीकृत हैं। एक शिक्षक और तीन शिक्षा मित्र की तैनाती है। मंगलवार को विद्यालय में एक भी बच्चा नहीं पहुंचा। बुधवार को भी यही हाल था। पता चला कि पास की ही मुस्लिम बहुल बस्ती के बच्चे यहां पढ़ते हैं और आज नहीं आए। दरअसल, स्कूल परिसर दो कमरों में चल रहा है। टीनशेड के नीचे चल रहे स्कूल में दरवाजों पर बंदरों से बचाव के लिए लोहे की जाली लगी है। जब बच्चे सुबह स्कूल आते हैं तो शिक्षिकाएं डंडा लेकर खड़ी होती हैं ताकि कोई बंदर हमला न कर दे। मध्यावकाश के समय भी बच्चे कमरे में ही कैद रहते हैं। यहां बच्चों के खेल के मैदान पर बंदर काबिज रहते हैं। प्रधानाध्यापक ऊषा देवी बताती हैं कि यहां बच्चों के साथ ही बंदर शिक्षिकाओं पर भी अक्सर हमला कर घायल कर देते हैं। ऐसे में बच्चे बेहद कम आते हैं। बच्चों की उपस्थिति कम रहती है।

बारिश में हो जाती स्कूल की छुट्टी

टूटे टीनशेड के नीचे चल रहे स्कूल में बारिश के समय छुट्टी कर दी जाती है। टीनशेड से पानी कमरों में आता है। प्रधानाध्यापिका बताती हैं कि बारिश होते ही पानी भर जाने के कारण कक्षा में बैठने की जगह नहीं बचती, ऐसे में छुट्टी करना मजबूरी हो जाती है।

घर जाकर बुलाने पड़ते हैंं बच्चे

शिक्षामित्र रेखा ने बताया कि मुस्लिम बस्ती में रहने वाले बच्चे अक्सर नहीं आते। उन्हें घर जाकर बुलाना पड़ता है। लेकिन कोई न कोई बहाना बनाकर अधिकांश बच्चे नहीं आते। बंदरों के कारण भी उपस्थिति काफी कम रहती है।  

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