Fail हो गए हैंं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के सैंपल भी, आंकड़े बयांं कर रहे यमुना मैया का दर्द
सात में से छह एसटीपी पर मानक से अधिक बीओडी। सीपीसीबी ने दो फरवरी को आउटलेट पर डिस्चार्ज वाटर के लिए थे सैंपल। लखनऊ स्थित जोनल प्रयोगशाला में कराई गई जांच शुक्रवार को आई रिपोर्ट।
आगरा, निर्लोष कुमार। ब्रज के लोगों की आस्था का केंद्र यमुना नदी नहीं नाला बन चुकी है। उसमें पानी नहीं केवल सीवरेज है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से यह स्थिति पहले ही उजागर हो चुकी है। अब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पर लिए गए सैंपल भी जांच में फेल हो गए हैं। यमुना की पीर हरने को करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए एसटीपी से गंदा पानी यमुना में पहुंचकर उसे और प्रदूषित कर रहा है।
सीपीसीबी ने दो फरवरी को सात एसटीपी सदरवन-1 बिचपुरी, सदरवन-2 बिचपुरी, जगनपुर दयालबाग, पीलाखार नुनिहाई शाहदरा, धांधूपुरा 78 एमएलडी, धांधूपुरा 24 एमएलडी, देवरी रोड पर इनलेट व आउटलेट पर डिस्चार्ज वाटर के सैंपल लिए गए थे। इन्हें जांच के लिए सीपीसीबी की लखनऊ स्थित जोनल प्रयोगशाला को तीन फरवरी को भेजा गया था। इनकी जांच रिपोर्ट शुक्रवार को आई है। इसमें सदरवन-1 बिचपुरी एसटीपी को छोड़कर सभी एसटीपी बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) के मानक पर खरे नहीं उतरे। धांधूपुरा स्थित 24 एमएलडी एसटीपी पर केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) भी मानक से अधिक रही। वहीं, फीकल कॉलीफार्म (बैक्टीरिया) सभी एसटीपी पर मानक से अधिक रहा। बायो-रिमेडिएशन टेक्नीक पर यमुना आर्द्र विकास योजना में बने ककरैठा मॉडल में लिया गया सैंपल भी बीओडी के मानक पर खरा नहीं उतरा। इसकी वजह उसका उचित रखरखाव नहीं होना बताया जा रहा है।
सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि एसटीपी पर लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। बीओडी के मानक पर सात में से छह एसटीपी फेल रहे हैं।
एसटीपी से लिए सैंपल की जांच में सामने आई स्थिति
पैरामीटर, इनलेट, आउटलेट
सदरवन-1 बिचपुरी
एसएस, 76.1, 21.5
सीओडी, 201, 51.3
बीओडी, 94.2, 21.5
फीकल कॉलीफार्म, -, 20000
सदरवन-2 बिचपुरी
एसएस, 331, 40.4
सीओडी, 473, 144
बीओडी, 193, 58.5
फीकल कॉलीफार्म, -, 1300000
जगनपुर दयालबाग
एसएस, 429, 40.3
सीओडी, 517, 213
बीओडी, 210, 89.4
फीकल कॉलीफार्म, -, 1300000
पीलाखार नुनिहाई शाहदरा
एसएस, 192, 52.7
सीओडी, 308, 135
बीओडी, 146, 60.6
फीकल कॉलीफार्म, -, 130000
धांधूपुरा 78 एमएलडी
एसएस, 266, 30.3
सीओडी, 426, 176
बीओडी, 159, 93.3
फीकल कॉलीफार्म, -, 2200000
धांधूपुरा 24 एमएलडी
एसएस, 378, 176
सीओडी, 532, 329
बीओडी, 260, 127
फीकल कॉलीफार्म, - 3300000
देवरी रोड
एसएस, 250, 70.3
सीओडी, 411, 237
बीओडी, 207, 122
फीकल कॉलीफार्म, -, 13000000
ककरैठा में हाल
पैरामीटर, इनलेट, मिडिल, आउटलेट
एसएस, 219, 46.4, 37.9
सीओडी, 296, 144, 107
बीओडी, 142, 50.9, 37.7
फीकल कॉलीफार्म, -, -, 78000
मानक और मात्रक (आउटलेट के लिए)
एसएस: सस्पेंडेड सॉलिड का मात्रक मिलीग्राम प्रति लिटर में है। यह एक लिटर में 100 मिलीग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
सीओडी: केमिकल ऑक्सीजन डिमांड का मात्रक मिलीग्राम प्रति लिटर में है। यह एक लिटर में 250 मिलीग्राम से कम होना चाहिए।
बीओडी: बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड का मात्रक मिलीग्राम प्रति लिटर में है। यह एक लिटर में 30 मिलीग्राम से कम होना चाहिए।
वबाग को सौंपा जा चुका है संचालन का जिम्मा
एसटीपी के संचालन व देखरेख का जिम्मा वीटेक वबाग को सौंपा जा चुका है। सैंपल उसके काम संभालने के बाद दो फरवरी को लिए गए। अब उनमें बीओडी मानक से अधिक पाए जाने से वबाग के काम पर प्रश्न चिह्न लग रहे हैं। वबाग को एक वर्ष में 43 करोड़ रुपये एसटीपी के संचालन व देखरेख के लिए दिए जाएंगे।