रोडवेज में सेंध: टेलीग्राम गैंग ने भी लगाया चूना, अब एसटीएफ करेगी राजफाश Agra News
चिन्हित करने के लिए निगम प्रबंधन ने ली मदद मिलने लगी कामयाबी। परिचालकों व मुख्यालय कंट्रोल रूम के स्टाफ की भी चल रही मिलीभगत।
आगरा, संजय रुस्तगी। फर्जी टिकट घोटाले से झुलसे उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (रोडवेज) को टेलीग्राम गैंग ने भी लाखों रुपये का चूना लगा दिया है। इस गैंग के राजफाश का जिम्मा अब स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपा गया है। शुरुआती जांच में आगरा, एटा, मैनपुरी, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी और कानपुर सहित करीब तीन दर्जन जिलों में इसका नेटवर्क मिला है। इस गैंग ने चेकिंग दस्ते की लोकेशन लेकर बेखौफ बिना टिकट यात्रा कराई है।
वैसे रोडवेज बसों में बिना टिकट यात्रा कराना नई बात नहीं है, लेकिन टेलीग्राम गैंग ने बसों में 80 फीसद तक यात्रियों को बिना टिकट यात्रा कराई है। इससे निगम को लाखों रुपये का चूना लगाया गया है। निगम की जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद निगम प्रबंधन एसटीएफ की मदद ले रहा है। निगम के एक अधिकारी का कहना है कि ग्रुप का नाम भी बदला गया है। साथ ही ग्रुप की जानकारी सार्वजनिक होने पर कई परिचालकों ने किनारा भी करना शुरू कर दिया है।
निगम की जांच के बिंदु
- ऐसे रूट जहां पूर्व में अधिक आय रही हो और अब गिर गई हो।
- ऐसे परिचालक, जिन्होंने पहले अच्छी आय दी हो, अब कम आय देना शुरू कर दी हो
- एक ही रूट पर अधिक दिन डयूटी करने वाले परिचालक भी प्रबंधन के निशाने पर हैं
एसटीएफ से अपेक्षा
- टेलीग्राम ग्रुप में कौन-कौन निगम कर्मी शामिल हैं?
- ग्रुप मेंबर कब जुड़े, बीच में उन्होंने ग्रुप छोड़ा या नहीं?
- ग्रुप में सबसे पहले मैसेज कौन पोस्ट करता था?
- ग्रुप एडमिन कौन-कौन हैं? इनमें बदलाव तो नहीं हुआ?
टेलीग्राम ही क्यों
टेलीग्राम में एक हजार से ज्यादा सदस्यों को जोड़ा जा सकता है जबकि अन्य सोशल मीडिया एप में सदस्यों की संख्या एक हजार से कम रहती है। खासतौर पर वाट्सएप में अधिकतम 256 सदस्यों को ही जोड़ा जा सकता है।
कैसे लगाई सेंध
परिवहन निगम ने चेकिंग दस्ते के वाहनों को लखनऊ कंट्रोल रूम से बीटीएस के माध्यम से जोड़ रखा है। परिचालक वहां से चेकिंग दस्ते की लोकेशन ले लेते हैं, वहां से टेलीग्राम पर बने ग्रुप पर डाल दिया जाता है। जिन रूट पर चेकिंग दस्ता नहीं होता, उन रूट पर बिना टिकट यात्रियों को ले जाया जाता है।
अधिकारियों के साथ होनी है बैठक
चेकिंग दस्ते की लोकेशन सार्वजनिक कर बिना टिकट यात्रा कराने की जानकारी मिली है। इसके लिए एसटीएफ की मदद ली जा रही है। अभी वह जांच कर रहे हैं। अगले माह एसटीएफ अधिकारियों के साथ बैठक होनी है, इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
राजशेखर, प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम