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श्राद्ध पक्ष में नहीं है खरीदारी की मनाही, शास्त्रों में नहीं है उल्लेख

- 16 दिन तक नहीं होते विवाह और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य - ज्योतिषविदें और महंतों ने कहा- खरीद सकते हैं जरूरत का सामान

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 08:00 AM (IST)
श्राद्ध पक्ष में नहीं है खरीदारी की मनाही, शास्त्रों में नहीं है उल्लेख
श्राद्ध पक्ष में नहीं है खरीदारी की मनाही, शास्त्रों में नहीं है उल्लेख

आगरा, जागरण संवाददाता।

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कोरोना काल में पहले ही बाजारों की स्थिति अच्छी नहीं रही है। अब श्राद्ध पक्ष शुरू होने के कारण भी लोग खरीदारी करने से बचेंगे। लोगों की धारणा है कि श्राद्ध पक्ष में नया काम और खरीदारी नहीं की जाती है। जबकि शास्त्रों में स्पष्ट वर्णित है कि श्राद्ध पक्ष पितरों के प्रति श्रद्धावान रहने का काल है, न कि भ्रम पालने का। शहर के ज्योतिषविदें और महंतों के अनुसार इन 16 दिनों में शुभ कार्य नहीं होते हैं, खरीदारी की जा सकती है।

ज्योतिषविद् डॉ. शोनू मेहरोत्रा ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में पृथ्वी पर हमारे पूर्वज अवतरित होते हैं। ऐसे में उनका आगमन अशुभ कैसे हो सकता है। उनका आगमन हमारे लिए कल्याणकारी है। उन्होंने बताया कि श्राद्ध पक्ष में खरीदारी पर कोई मनाही नहीं है।

ज्योतिषविद् ऊषा पारिक ने कहा कि पूर्वजों के अच्छे कार्यों को याद करते हुए उनके अनुभवों से प्रेरणा लें और उनके बताए रास्ते पर चलना ही मुख्य रूप से पितृ पक्ष का ध्येय है। जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी करने में किसी प्रकार की कोई मनाही नहीं है। इन 16 दिनों में शुभ कार्यों के साथ ही शुभ कार्यों के लिए खरीदारी नहीं होती है। मिला-जुला है पितृपक्ष का बाजार पर असर

पितृ पक्ष आरंभ होने का मिला-जुला असर बाजार में देखने को मिल रहा है। लोग जरूरत के सामान की खरीदारी करने ही घर से निकल रहे हैं। हालांकि गुरुवार को कई बाजारों में काफी भीड़ रही। इनमें राजामंडी, शाहगंज, रावतपाड़ा आदि हैं। इस दौरान पत्तल, पूजन सामग्री, तिल और पक्षियों को खिलाने के लिए अनाज के दानों की बिक्री बढ़ जाती है। लंगड़े की चौकी मंदिर के महंत गोपी गुरु ने बताया कि लोग एप के माध्यम से वीडियो काल से पितृ पूजन के तौर तरीकों की बाबत राय ले रहे हैं। वेद-पुराणों के अनुसार श्राद्ध पक्ष में विवाह, प्राण-प्रतिष्ठा और गृह प्रवेश निषेद्ध है।


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