36 वर्षों की सेवा से कान्हा की नगरी को बना दिया संगम नगरी, नववर्ष पर होगा अनूठा अभिषेक Agra News
नए साल पर सात नदियों के जल से होगा गिरिराजजी का अभिषेक। 36 वर्षों से भक्ति के काम में तन्मयता से लगे हैं रामप्रकाश।
आगरा,रसिक शर्मा। नव वर्ष पर पर्वतराज की धरा सात नदियों का संगम नजर आएगी। गिरिराजजी का सात नदियों से अभिषेक करने के लिए एक वृद्ध साधू नदियों के जल को एकत्रित करता है। यह भक्त प्रमुख तीर्थस्थलों से गंगा और यमुना का जल लाकर ब्रज में'संगम' कराता रहता है तथा प्रमुख त्यौहारों पर गिरिराजजी का अभिषेक भी करवाता है। 36 वर्षों से सेवा के इस कार्य को निर्बाध रूप से अंजाम दे रहा है।
पं. रामप्रकाश (77) गिरिराजजी की सेवा में जुटे हैं। गांव इनायतपुर, तहसील फतेहाबाद, जिला आगरा के रहने वाले पं.भोगीराम शर्मा के पुत्र पं. रामप्रकाश बचपन से ही भक्ति में डूबे हैं और अब गिरिराजजी की सेवा कर रहे हैं। उन्हें प्रेरणा हुई कि गोवर्धन महाराज का अभिषेक गंगा और यमुना जल से होना चाहिए। तभी से 20-20 लीटर की पांच टंकियों में इलाहाबाद में संगम से गंगाजल लाने की सेवा करने लगे। गंगाजल की बढ़ती मांग को देखते हुए वर्ष 2009 में बाबा ने भक्तों की सहायता से छह टायर वाले ट्रक और 12 हजार लीटर क्षमता का एक टैंकर खरीदा। इस समय तक इन्हें लोग'गंगाजी वाले बाबा' कहने लगे थे।
बाबा महीने में एक बार छह हजार लीटर गंगाजल और छह हजार लीटर यमुना जल लाकर ब्रज के मंदिरों को निश्शुल्क उपलब्ध कराते हैं। बरसाना में राधारानी, मथुरा के भूतेश्वर महादेव, गोकुल के कान्हा, महावन के चिंताहरण, बलदेव के दाऊजी महाराज और बरसाना में राधारानी मंदिर पर गंगाजल वितरण करते हुए ये टैंकर गोवर्धन में दानघाटी पर जल उपलब्ध कराता है। लेकिन इस बार नव वर्ष की पावन बेला में गोवर्धन में सात नदियों का संगम नजर आएगा। इस बार गिरिराजजी के अभिषेक में गंगा, यमुना, सरयू, गोदावरी, नर्मदा, भरतकूप और मंदाकिनी का जल प्रयुक्त होगा। इसके लिए तैयारी पूर्ण कर ली गई हैं।
यहां के जल से होता है अभिषेक
उत्तराखंड में नीलकंठ के नीचे पशुलोक बैराज से गंगाजल लाया जाता है। कभी-कभी गंगा घाटी ऋषिकेश, प्रयागराज संगम, मंदाकिनी, गुप्त गोदावरी, नर्मदाघाट धुआंधार (जबलपुर) और करनाल से आगे जगाधारी तथा अयोध्या की सरयू आदि स्थलों से जल लाते हैं। जिस वाहन से यह जल आता है, शासन ने उस वाहन को सभी तरह के कर व अतिरिक्त कर से मुक्त कर रखा है।
ड्राइवर के लिए भी नियम
गंगा और यमुना जल लाने वाले ट्रक पर वही ड्राइवर रहता है, जो जनेऊ और कंठी धारण किए हो। उसके लिए धूमपान वर्जित है। आने-जाने के दौरान कहीं भी लघु शंका करने पर उसे स्नान करना पड़ता है। पिछले तीन साल से प्रेमवीर सिंह ड्राइवर हैं।