यहां तो यमुना की रेती में दबा दिए पौधे, घोर लापरवाही
नगर निगम ने यमुना किनारे लगाए पौधे लाखों रुपये किए खर्च दूसरे दिन ही पौधों को खाने पहुंचने लगे बेसहारा पशु
आगरा, जागरण संवाददाता। पौधारोपण का लक्ष्य कागजों में पूरा हो गया है, लेकिन धरातल पर अधूरा है। पौधारोपण के महाकुंभ को पलीता इस कदर लगाया कि यमुना की रेती में ही पौधे दबा दिए गए हैं।
प्रदेश में पौधारोपण के महाकुंभ में 22 करोड़ पौधे लगाए हैं। शासन सभी विभागों को अलग-अलग लक्ष्य दिया गया है। नगर निगम को एक लाख नौ हजार पौधे रोपने थे। इसके अलावा 27.48 लाख पौधे अन्य विभागों ने लगाए हैं। सभी विभागों ने कागजों में लक्ष्य पूरा दर्शा दिया है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और है। नगर निगम ने यमुना किनारे हाथी घाट के पास पौधे लगाए हैं। निगम ने जितने पौधे लगाए हैं, उससे ज्यादा यमुना की रेती में दवा दिए हैं। इसके अलावा यहां पर लगे पौधे की दूरी केवल दो से तीन फीट की। सिरस के पौधे सूखने लगे हैं। इतना ही नहीं, बल्कि बेसहारा पशु इन पौधों को खाने आसानी से पहुंच रहे हैं। वन विभाग के लिए दो लाख पौधे
नगर निगम ने विभाग की पौधशाला से करीब दो लाख पौधे उठाए हैं। इनमें से अधिकांश पौधे सात रुपये से लेकर 23 रुपये तक की कीमत के पौधे लगे हैं। पूर्व में लगे पौधे की देखरेख राम भरोसे
नगर निगम ने दो वर्ष पूर्व भी यमुना किनारे पौधे लगाए थे। इन पर बाकायदा ट्रीगार्ड भी लगाए गए, लेकिन अब स्थिति ये है कि अधिकांश पौधों से ट्रीगार्ड गायब हैं और जिन पर लगे हैं। उनके ऊपर से बेसहारा पशु पौधे को खा जाते हैं। ट्रीगार्ड से एक भी पौधे ऊपर नहीं निकला है।
मुख्य अभियंता ने बताया कि नगर निगम को दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला था। यमुना किनारे पर 38 हजार पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा वहां पर कुछ पौधे रखे गए हैं। इनमें से सूखने वाले पौधों के स्थान पर लगाया जाएगा। पौधों को पशु ने खाए, इसके लिएलंबी खाई खोदी गई है।
हमसे नगर निगम ने करीब दो लाख पौधे लिए हैं। सभी पौधे लगाने का अगल नियम होता है। दूरी से लेकर पानी और खाद तक नियमानुसार दी जानी चाहिए। ताकि पौधा सही चल सके।
मनीष मित्तल, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग, आगरा