सोशल मीडिया पर अनूठा सोशल वर्क
शहर की लोकस्वर संस्था ने पर्यावरण दिवस पर ऑनलाइन लोगों को जागरुक कर निश्शुल्क बांटे पक्षियों के लिए पानी के बर्तन और कपड़े के थैले।
आगरा(जागरण संवाददाता): मंगलवार को भोर के साथ जनसमूह ने विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने की शुरुआत कर दी थी। तमाम शहरवासियों ने पार्क आदि जगह पौधारोपण किए तो कहीं गोष्ठियां भी हुई। इन सब से इतर पर्यावरण प्रेमी संस्था ने नई पहल करते हुए सोशल मीडिया पर अनूठा सोशल वर्क किया।
लोकस्वर संस्था द्वारा मंगलवार को तय समय पर सोशल मीडिया पर पक्षियों के लिए पानी के बर्तन और पॉलीथिन का विरोध करते हुए कपड़े के थैले निश्शुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा के साथ लोगों से इन्हें अपनाने की अपील की।
मंगलवार को सुबह 11:30 बजे संस्था के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने वाट्सएप गु्रप और फेसबुक पर लोगों के साथ पक्षियों के लिए पानी बर्तन और कपड़े के थैले की तस्वीरें शेयर करते हुए इन्हें अपनाने की अपील की।
राजीव ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जन- जन को जागरुक करने का प्रयास लंबे समय से किया जा रहा है। वर्तमान में हर चीज सोशल मीडिया पर अधिक प्रेरित करती है। इसलिये अब संस्था लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से ही पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरुक कर रही है। गर्मियों में पक्षियों के लिए दाना पानी और पर्यावरण के लिए पॉलीथिन गंभीर समस्या है। इसे ध्यान में रखते हुए संस्था लोगों को पक्षियों के लिए पानी के बर्तन और कपड़े के थैले निश्शुल्क वितरित कर रही है। जो भी इन्हें लेना चाहता है वो संस्था से संपर्क कर सकता है।
वेस्ट को बेस्ट करके दिया गया थैले का आकार
राजीव ने बताया कि हर घर में बहुत से पुराने कपड़े बेकार पड़े रहते हैं, यदि उनका प्रयोग थैले बनवाकर पॉलीथिन की जगह किया जाए तो पॉलीथिन की समस्या का समाधान हम अपने घर में ही तलाश सकते हैं। संस्था ने इसी समाधान को तलाशते हुए बेकार पड़े कपड़े के थैले बनवाए हैं। इससे पर्यावरण के साथ नारी सशक्तिकरण के लिए कार्य हुआ है। थैले बनवाने का कार्य महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को दिया गया था। जिसका भुगतान संस्था की ओर से किया गया। 2010 से बांट रहे पक्षियों के लिए घोंसले और पानी के बर्तन
लोकस्वर संस्था 2010 से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रही है। संस्था द्वारा लोगों को पक्षियों के लिए घोंसले और और पानी के बर्तन निश्शुल्क बांटे जा रहे हैं। पांच वर्ष पूर्व कपड़े के थैले बांटने का काम शुरू किया गया।