Deepawali 2020: कोरोना काल में पर्यटन की फीकी दीपावली, बंदी के कारण हुई मंदी
Deepawali 2020 पर्यटन उद्यमियों ने चार दशकों में नहीं देखा ऐसा हाल। गले मिलकर शुभकामनाएं देने के बजाय दूर से ही दे रहे बधाई। इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा नहीं दिए जाने से उनकी उम्मीदों पर वज्रपात हो गया। मार्च तक विदेशी पर्यटकों के आने की कोई उम्मीद नहीं।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में पर्यटन की दीपावली फीकी ही रही। पर्यटन सीजन में भी इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा नहीं दिए जाने से विदेशी पर्यटकों का टोटा है। ताजमहल पर कैपिंग लागू होने से भारतीय पर्यटक भी सीमित हैं। पिछले चार दशकों में पर्यटन उद्यमियों ने ऐसी दीपावली नहीं देखी है। कोराेना वायरस के संक्रमण से बचाव को गले मिलकर बधाई देने वाले भारतीय दूर से ही विश कर रहे हैं।ताजनगरी का पर्यटन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण की भेंट चढ़ चुका है। कोरोना की वजह से फरवरी से ही विदेशी पर्यटकों की संख्या कम होना शुरू हो गई थी। 17 मार्च को ताजमहल व स्मारक बंद होने के साथ ही यहां पर्यटन पूरी तरह ठप हो गया था। 188 दिनों की बंदी के बाद 21 सितंबर को ताजमहल खुल गया। पर्यटन उद्यमियों को उम्मीद थी कि आगरा में अक्टूबर से मार्च त चलने वाले पर्यटन सीजन में स्थिति कुछ सुधर सकेगी। सरकार ने इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा नहीं दिए जाने से उनकी उम्मीदों पर वज्रपात हो गया। मार्च तक विदेशी पर्यटकों के आने की कोई उम्मीद नहीं है और जब तक ताजमहल पर एक दिन में अधिकतम पांच हजार पर्यटकों की कैपिंग लागू रहेगी, तब तक भारतीय पर्यटकों के अधिक संख्या में आने पर भी कुछ भला नहीं होना है।
घाटे में होटल, एंपोरियम बंदताज
नगरी में होटल खुले जरूर हैं, लेकिन वो घाटे में चल रहे हैं। होटल की क्षमता के अनुसार 25 फीसद भी आक्यूपेंसी नहीं है। पर्यटन उद्योग से जुड़े करीब 70 फीसद लोग बेरोजगार हो चुके हैं। हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम बंद चल रहे हैं। ट्रैवल आपरेटर्स की गाड़ियां खड़ी हैं और उनकी किस्त भी नहीं निकल पा रही हैं।
पर्यटन कारोबार एक नजर
-पर्यटन कारोबार पर करीब पांच लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आश्रित हैं।-प्रतिवर्ष करीब पांच हजार करोड़ रुपये का पर्यटन और ढाई हजार रुपये का हैंडीक्राफ्ट कारोबार है।
-शहर में छोटे-बड़े करीब 500 होटल, 100 से अधिक पेइंग गेस्ट हाउस और करीब 500 रेस्टोरेंट हैं।
पिछले 35 वर्षों में ऐसी दीपावली कभी नहीं आई है।
हम इस दीपावली पर यही आशा करते हैं कि आने वाली दीपावलियां कभी ऐसी नहीं रहें। वास्तविक खुशियां लेकर आएं। इस बार दीपावली में खुशी के साथ कोरोना का डर भी है। लोग दूर से ही शुभकामनाएं दे रहे हैं।
-राजीव सक्सेना, उपाध्यक्ष टूरिज्म गिल्ड आफ आगरा
पिछले चार दशकों में ऐसी दीपावली कभी नहीं देखी है। दीपावली से पहले आगरा में पर्यटन सीजन शुरू होने से पर्यटक अधिक संख्या में आने लगते हैं। कोरोना काल में इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा नहीं है। ताजमहल में कैपिंग लागू होने से भारतीय पर्यटको की संख्या भी कम है।
-राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन