जेल में बंद भाइयों ने बहनों को उपहार में भर दी झोली, यहां पढ़ें
भाई-दूज पर जिला और केंद्रीय कारागार पर उमड़ी बहनों की भीड़, जेल परिसर में व्यवस्था बनाए रखने को तैनात करनी पड़ी पुलिस
आगरा (जागरण संवाददाता): जेलों में निरुद्ध कैदियों ने भाई दूज पर बहनों को अनोखा उपहार दिया। टीका करने आई बहनों को उन्होंने बाहर निकलने के बाद दोबारा गलत रास्ते पर न चलने का वादा किया। अगली दिवाली उनके साथ मनाने का भरोसा दिलाया। इससे मायूस बहनों के चेहरे खुशी से खिल उठे। पुलिस ने भी अभिभावक की भूमिका निभाते हुए मुलाकात को आई बहनों को मिठाई बांटी।
जिला और केंद्रीय कारागार पर शुक्रवार सुबह छह बजे से ही भाइयों की टीका करने के लिए बहनों की भीड़ जुटने लगी थी। जेल-प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले ही पर्याप्त फोर्स तैनात किया था। हरीपर्वत थाने और पुलिस लाइन से पांच दारोगा और 30 पुलिसकर्मी जेल परिसर में तैनात किए गए। टीका करने आई अधिकांश महिलाओं का कहना था कि उन्होंने भाइयों से उपहार के रूप में यहां से निकलने के बाद दोबारा गलत रास्ते पर नहीं चलने का वचन लिया। इस पर कैदी भाइयों ने अगली दिवाली परिवार के साथ मनाने का वादा किया। कई कैदियों ने जेल में खुले जावेद हबीब ट्रेनिंग सैलून समेत अन्य रोजगार प्रशिक्षण लेने की बात कही। केंद्रीय कारागार में भी दर्जनों महिलाओं ने मुलाकात की।
इंस्पेक्टर हरीपर्वत महेश चंद गौतम ने बताया कि मुलाकात को आई बहनों को पेठा वितरित किया गया। जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया दो हजार से अधिक बहनों ने मुलाकात की।
बेकसूर बंद है मेरा भाई
टीका करने आई अधिकांश बहनों का कहना था कि उनका भाई बेकसूर बंद है। उसने अपराध नहीं किया, पुलिस ने किसी दूसरे के कहने पर उसे गलत फंसा दिया। जबकि कुछ का कहना था कि भाई गलत सोहबत के चलते फंसा।
पांच रुपये में मिली मुलाकात की पर्ची
मुलाकात करने आई कुछ महिलाओं ने जेल के स्टाफ पर वसूली का आरोप लगाया। उनका कहना था कि प्रति व्यक्ति पांच रुपये लेकर मुलाकात की पर्ची बनाई गई। हालांकि जेल-प्रशासन ने इससे इन्कार किया है।