सिय ब्याहने जनक के द्वार पहुंचे प्रभु श्रीराम, हर्षित है हर जनकपुरवासी Agra News
गुरुवार सुबह 11 बजे जनकपुरी में पहुंचेे भगवान के स्वरूप। आरती के साथ हुआ भव्य स्वागत। शाम को विराजेंगे जनक महल में।
आगरा, जागरण संवाददाता। जगत जननी जानकी के विवाह के लिए राजा जनक की मिथिला नगरी तैयार है। प्रभु श्रीराम गुरुवार सुबह यहां बरात लेकर पहुंचे। उनके स्वागत को जनकपुरी के वाशिंदे पलकें बिछाए बैठे थे। बरात के आगमन पर स्वरूपों की आरती की गई और भव्य स्वागत हुआ। दिनभर आराम के पश्चात शाम को स्वरूप जनक महल में विराजकर जनता को दर्शन देंगे।
जनकपुरी के आयोजन का सौभाग्य इस बार निर्भय नगर-देव नगर को मिला है। रातभर नगर भ्रमण के उपरांत गुरुवार सुबह प्रभु श्रीराम की बरात सेंट कॉनरेड्स के पास स्थित प्रवेश द्वार से जनकपुरी में दाखिल हुई। यहां पर जनकपुरीवासियों ने प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्न की आरती की और फूल वर्षा कर स्वागत किया। राजा दशरथ का राजा जनक ने अभिनंदन किया। जनकपुरी क्षेत्र की महिलाओं ने स्वागत की रस्मेें पूरी कीं। यहां पूर्व विधायक अनुराग शुक्ला, भावना ग्रुप के एमडी भगत सिंह बघेल, जनकपुरी के मीडिया प्रभारी अतुल दुबे व अन्य उपस्थित थे।
सभी स्वरूपाेें को होटल भावना में विश्राम कराया जा रहा है। शाम को स्वरूप रथ पर सवार होकर जनकपुरी भ्रमण करते हुए जनक महल पर पहुंचेंगे। जनकपुरी में तुलसी सालिग्राम का विवाह संपन्न होगा। इस दौरान राजा जनक एवं रानी सुनयना उपस्थित रहेंगे।
इस बार फिल्म बाहुबलि के माहिष्मति महल की तर्ज पर बनाए गए जनक महल की स्वर्णिम आभा देखते ही बन रही है। ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे त्रेता युग की मिथिला नगरी से आगरा में सजी जनकपुरी होड़ कर रही है। बुधवार देर रात तक यहां लोग पहुंचते रहे थे। गुरुवार को हजारों की संख्या में लोग जनकपुरी पहुंचेंगे।
तारों में अटक गया श्रीराम का मुकुट
रामबरात शोभायात्रा के दौरान गुरुवार सुबह लगभग 6.30 बजे बरात फुलट्टी पर पहुंची थी। यहां सड़क पर बिजली के तार झूल रहे थे। रथ पर सवार श्रीराम का मुकुट यहां तारों में उलझ गया। इस दौरान कुछ देर के लिए व्यवधान उत्पन्न हुआ। लोगों ने तारों को हटाकर शोभायात्रा काेे आगे बढ़वाया।