Janmashtmi 2020: दीपों से जगमगाएगा कान्हा का जन्मस्थल, कोरोना से मुक्ति को होगी ये विशेष पूजा
Shri Krishna Janmashtmi 2020 भगवान के जन्म की बेला से पूर्व रात 11 बजे संपूर्ण मंदिर प्रांगण में दीपक अर्पित किए जाएंगे।
आगरा, जेएनएन। भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थली श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर जन्मोत्सव को लेकर श्रद्धा हिलोरे मार रही है। जन्मभूमि को सजाया-संवारा जा रहा है। भले ही श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश नहीं होगा, लेकिन नयनाभिराम सजावट की जा रही है। झिलमिल करती विद्युत सजावट के मध्य जलते दीपक आकर्षण में चार-चांद लगा देंगे। जन्मोत्सव के मौके पर भगवान से कोरोना मुक्ति को भी प्रार्थना की जाएगी।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जन्मोत्सव के आयोजन विधि-विधान से कराए जाएंगे। भगवान के जन्म की बेला से पूर्व रात 11 बजे संपूर्ण मंदिर प्रांगण में दीपक अर्पित किए जाएंगे। दीपों के प्रकाश से जगमगाती भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के अलौकिक और विहंगम दर्शन होंगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि 12 अगस्त को रात 11 बजे दीपक अर्पित किए जाएंगे। जन्मोत्सव को भव्य बनाने की तैयारियां चल रही हैं। संस्थान के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि दीप ज्योति प्रज्वलित करते समय सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया के संकल्प के साथ वैश्विक महामारी कोरोना से मानवता शीघ्र मुक्त हो, ऐसी भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में प्रार्थना की जाएगी।
स्वर्णिम आभा से दमकेगी तलहटी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर गिरिराज प्रभु के विशेष श्रृंगार की स्वर्णिम आभा से गोवर्धन तलहटी दमकेगी तो स्वर्ण आभूषण यशोगान करते नजर आएंगे। महोत्सव में प्रभु के श्रृंगार में जवाहरात और स्वर्ण आभूषणों के साथ स्वर्ण मुकुट धारण करेंगे। पंचामृत अभिषेक के उपरांत प्रभु जवाहरातों से सजी पोशाक धारण कर पुष्प महल में विराजमान होकर दर्शन देंगे। प्रभु के हाथों में सोने की बांसुरी अपनी किस्मत पर इठलाती नजर आएगी।
बुधवार को जन्माष्टमी महोत्सव के लिए प्रसिद्ध मुकुट मुखारङ्क्षवद मंदिर पर विशेष आयोजन की तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर रिसीवर रमाकांत गोस्वामी ने बताया कि प्रभु का अद्वितीय श्रृंगार किया जाएगा। प्रभु के कस्तूरी तिलक और ठुड्डी पर हीरा सुशोभित होगा। गले में स्वर्ण हार, सोने की बांसुरी और चांदी की लकुटि और विभिन्न सोने- चांदी के आभूषण धारण करेंगे। प्रभु की पोशाक माणिक मोती आदि से सुसज्जित होगी। बाल स्वरूप के लिए गोंद के लड्डू तैयार कराए जा रहे हैं, उत्सव में सभी परंपरा निभाई जाएगी, लेकिन श्रद्धालुओं का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। सहायक प्रबंधक संतोष उपाध्याय ने बताया कि सुबह की बेला में प्रभु का पंचामृत अभिषेक और शाम को विभिन्न प्रजातियों के सुगंधित पुष्प श्रृंगार और सौंदर्य को महकाते हुए यशोगान करेंगे ।