शहर में घुल रहे प्रदूषण से बच्चों में सेकेंडरी इन्फेक्शन का खतरा
बच्चों में सर्दी-जुकाम, बुखार और खांसी की समस्या हुई आम, 399 दर्ज किया गया एक्यूआइ, सूक्ष्म कण दे रहे ब'चों को बीमारी
आगरा (जागरण संवाददाता): जहरीली हवा बच्चों को बीमार कर रही है। अब इससे बच्चों में सेकेंडरी इन्फेक्शन (बैक्टीरियल इन्फेक्शन) का खतरा बढ़ गया है। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 399 दर्ज किया गया।
एक्यूआइ का सामान्य स्तर 50 होना चाहिए। वहीं पीएम 2.5 (पर्टिकुलेट मेटर सूक्ष्म कण) 60 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहना चाहिए। यह दीपावली पर 500 से अधिक पहुंच गया है। ये सूक्ष्म कण बच्चों की श्वास नलिकाओं में पहुंचने के बाद संक्रमण कर रहे हैं। इससे बच्चों में जुकाम, खांसी, बुखार की समस्या आम हो चुकी है। इससे अब अस्थमा के बाद बैक्टीरियल निमोनिया सहित अन्य संक्रमण होने लगे हैं। वहीं, जिन बच्चों को फेफड़े, पेशाब, हृदय रोग सहित अन्य बीमारियां हैं उनकी तबीयत दवाएं लेने के बाद भी ठीक नहीं हो रही है।
चिड़चिड़ापन, भूख ना लगना और थकान
वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से बच्चों को सर्दी-जुकाम की समस्या बनी रहती है। इससे सिर दर्द की समस्या के साथ ही बच्चे चिड़चिड़े हो रहे हैं। उन्हें भूख नहीं लगती है, थकान के चलते बच्चे सुस्त रहते हैं।
रविवार को शाम चार बजे तक 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक
आगरा - 399
फरीदाबाद - 461
बागपत - 440
बुलंदशहर - 434
दिल्ली - 405
सूक्ष्म कण के साथ कार्बन मोनो ऑक्साइड सहित अन्य गैस लंबे समय से सामान्य से अधिक हैं। इससे सर्दी जुकाम की समस्या बच्चों में आम हो चुकी है। अब सेकेंडरी इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ गया है। इससे बच्चों को निमोनिया सहित अन्य बीमारियां हो रही हैं।
डॉ. जेएन टंडन, बाल रोग विशेषज्ञ
प्रदूषण का असर नवजात से पांच साल तक के बच्चों में अधिक दिखाई दे रहा है। इन बच्चों में सांस संबंधी बीमारियां कई गुना बढ़ गई हैं। ओपीडी में अधिकांश मरीज सांस संबंधी बीमारियों के आ रहे हैं।
डॉ. नीरज यादव, नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ एसएन मेडिकल कॉलेज
बच्चों में अस्थमा की समस्या तेजी से बढ़ रही है, लगातार सूक्ष्म कणों की अधिकता वाले वातावरण में रहने से बच्चों की श्वास नलिकाओं में सूजन आने लगी है, यह लगातार बनी रहती है और अस्थमा का शिकार बना रही है।
डॉ. जीवी सिंह, टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट एसएन मेडिकल कॉलेज